प्रयागराज के एसएसपी को प्रतीक्षा सूची में डालने पर योगी सरकार पर प्रहार

अवनीश कुमार

मंगलवार, 16 जून 2020 (15:03 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में देर रात जारी हुई आईपीएस तबादला सूची में प्रयागराज के एसएसपी को प्रतीक्षा सूची में डालने के बाद उत्तरप्रदेश में योगी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं और राजनीतिक पार्टियों के साथ प्रतियोगी छात्र-छात्राएं भी तबादले को लेकर योगी सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं।
 
बताते चलें कि उत्तरप्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती के मामले में कड़ा एक्शन लेने वाले प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रतीक्षारत सूची में डालने के फैसले पर अब सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि प्रयागराज की कमान संभालने के बाद सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने ही बतौर एसएसपी प्रयागराज के सोरांव थाने में एक प्रतियोगी छात्र के अनुरोध पर एफआईआर कराई थी।
 
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में एफआईआर कराते हुए एसएसपी ने खुद की जांच को आगे बढ़ाया था और इसमें उन्होंने 2 ऐसे आईपीएस अफसरों को लगाया था जिनकी पहचान पश्चिमी यूपी में नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रही है।
 
अशोक वेंकटेश और अनिल यादव नाम के इन 2 अफसरों के साथ एसएसपी ने खुद एक्शन शुरू किया था और एक्शन का असर भी दिखने लगा था। जांच में टीम शिक्षक भर्ती में सॉल्वर से लेकर नकल माफिया तक के शामिल होने की बात सामने आने लगी और इसी बीच प्रयागराज एसएसपी के निर्देश पर ही कार से जा रहे 6 संदिग्धों को 7.50 लाख रुपए के साथ हिरासत में लिया गया था और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तमाम ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की थी जिनके तार सीधे नकल माफियाओं से जुड़े हुए थे। इसी दौरान नकल माफिया कृष्णलाल पटेल समेत तमाम आरोपी गिरफ्तार किए गए थे।
 
लेकिन देर रात जारी हुई ट्रांसफर सूची में एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को सोमवार रात प्रतीक्षारत सूची में भेजते हुए आईपीएस अभिषेक दीक्षित को प्रयागराज का नया एसएसपी बनाया गया है।
जाने से पहले जारी किया भावुक संदेश : एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने टि्वटर के माध्यम से बयान जारी करते हुए कहा है कि एसएसपी प्रयागराज पद पर रहते हुए प्रयागराज की जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया, उसका मैं सदैव आभारी रहूंगा। आपका यह भरोसा पुलिस पर सदैव बना रहे यही कामना है। प्रयागराजवासियों को अशेष शुभकामनाएं। -सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज
 
क्या बोले छात्र-छात्राएं? : एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को सोमवार रात प्रतीक्षारत सूची में भेजने की खबर मिलते ही प्रतियोगी छात्र-छात्राओं में नाराजगी देखने को मिली। प्रतियोगी छात्र-छात्राओं ने कहा कि एसएसपी सर को प्रतीक्षा सूची में नहीं बल्कि सजा दी गई है, क्योंकि वे हमारी मदद कर रहे थे और हमारा निवेदन स्वीकार करते हुए उन्होंने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे और खुद ही जांच को आगे बढ़ा रहे थे तथा परत-दर-परत सच सामने आ रहा था। लेकिन हमारी मदद करना उन्हें बेहद भारी पड़ गया और सरकार के द्वारा उन्हें प्रतीक्षा सूची में नहीं बल्कि 'सजा' दी गई है। 
 
क्या बोले नेता? : वहीं ट्विटर के माध्यम से बयान जारी करते हुए समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह यादव ने कहा है कि 69,000 भर्ती में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले प्रयागराज के एसएसपी को योगी सरकार ने हटा दिया। इससे साफ है कि जांच के नाम पर भर्ती में केवल लीपापोती की जा रही है और केवल बड़ों को बचाने का खेल चल रहा है। भ्रष्टाचार सरकार की नसों में घुस चुका है। 
 
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्विटर के माध्यम से एसएसपी प्रयागराज द्वारा जारी किए गए एक संदेश का जवाब देते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि जनता ने तो आपको प्यार दिया, पर सरकार ने आपको 69k सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने की सजा दे दी। ईमानदार अफसरों का उत्तरप्रदेश में दम घुटने लगा है। सच बोलने वाले अफसर का ट्रांसफर और आमजन पर FIR।

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