ईशान कोण से होगी आपकी मनोकामना पूर्ण, करना है बस 3 काम

अनिरुद्ध जोशी

मंगलवार, 12 मार्च 2024 (16:49 IST)
ishan kon vastu in hindi
Ishan disha mein kya rakhenge : दस दिशाएं होती हैं। पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, नीचे और ऊपर। उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान दिया या ईशान कोण कहते हैं। शिवजी का एक नाम है ईशान। इस दिशा में सभी देवी और देवता निवास करते हैं। यह कोण आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की क्षमता रखा है। इसे आप जैसा बनाएंगे यह वैसा फल देगा।
ALSO READ: Vastu Tips: वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक कहां बनाएं
ईशान कोण : यह कोण धन, स्वास्थ्य ऐश्वर्य, वंश में वृद्धि कर उसे स्थायित्व प्रदान करने वाला है अत: इस कोण को भवन में सदैव स्वच्छ एवं पवित्र रखना चाहिए।
 
1. यदि आपको अपने बच्चों की पढ़ाई को बेहतर बनाना है तो इस दिशा को साफ सुथरा करके आप यहां पर उनकी किताबें और सुगंधित पदार्थ के साथ ही सरस्वती का एक चित्र लगा दें।
 
2. आपको जीवन में जैसा बनना चाहते हैं ईशान कोण में वैसा चित्र लगा दें। जैसे आप संगीतकार बनना चाहते हैं तो बांसुरी का चित्र लगा दें या करोड़पति बनना चातहते हैं तो माता लक्ष्मी का चित्र लगा दें। आप अपनी नौकरी या व्यापार में उन्नति चाहते हैं तो शिवजी और जल की स्थापना करके उनकी पूजा करें।  
ALSO READ: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पूजा घर के 10 नियम
3. यदि आप जीवन में शांति और खुशहाली चाहते हैं तो इस दिशा में खिड़की, बालकनी या पौधों को लगाएं। इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है। इसके अलावा केल और केला, लटजरी, पाकड़ और आंवला का पौधा भी लगा सकते हैं। ईशान कोण में धरती का आकाश ज्यादा खुला और उजला नजर आता है क्योंकि हमारी धरती इसी कोण में उठी हुई है या कहें कि झुकी हुई है।
Rangoli 
ईशान दोष : उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो जातक में पूजा पाठ के प्रति विरक्ति, देवता, धर्म और गुरुओं पर आस्था में कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, संतानोत्पत्ति में देरी, मूर्च्छा, उदर विकार, कान का रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट होने की संभावना रहती है। इसीलिए ईशान दिशा में भारी सामान नहीं रखते हैं, शनि, राहु, केतु और बुध से संबंधित सामान भी नहीं रखते हैं।
ALSO READ: वास्तु के अनुसार घर में खिड़की नहीं है सही तो होंगे 10 नुकसान
मुख्‍य द्वार : घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। यदि आपका मकान ईशानमुखी है तो अति उत्तम है। बस आपको शौचालय, किचन और शयन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी