Fact Check: क्या किसान आंदोलन में भारतीय तिरंगे का अपमान किया गया? जानिए वायरल फोटो का सच

मंगलवार, 8 दिसंबर 2020 (13:26 IST)
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में एक बुजुर्ग सिख भारतीय तिरंगे को जूता दिखाते हुए नजर आ रहा है। साथ ही कुछ लोग तिरंगे पर खड़े हुए भी देखे जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि अभी चल रहे किसान आंदोलन में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है।

क्या है वायरल-

फोटो शेयर करते हुए एक ट्विटर एक यूजर लिखती हैं, “शर्म आनी चाहिए इन लोगों को जो खुद को किसान कहते हैं और देश के झंडे का अपमान कर रहे हैं ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए।”

शर्म आनी चाहिए इन लोगों को जो खुद को किसान कहते हैं और देश के झंडे का अपमान कर रहे हैं ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए pic.twitter.com/tTapA97v6N

— Adv Smriti Singh चंदेल (@AdvSmritiSingh) December 7, 2020


ऐसे ही दावे कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स भी कर रहे हैं।

क्या इन्हीं किसानों पर भारत गर्व करता है।
ऐसा लगता है जैसे की विदेशी आतंकवादी, किसानों के भेष में देश में घुस आए हैं।
अपने ही देश के झंडे का ऐसा अपमान।
थू है इन दोगलों पर।।
I Love you हिंदुस्तान बिहार pic.twitter.com/LaKGRpCcYA

— Rajesh_Sahu (@RajeshS86886551) December 6, 2020


क्या है सच-

वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2019 का एक ट्वीट मिला, जिसमें यह फोटो पोस्ट की गई थी। इस फोटो पर Dal Khalsa U.K. का लोगो और 15 अगस्त 2013 का डेट स्टैंप लगा हुआ है। इससे साफ जाहिर है कि यह फोटो अभी चल रहे किसान अंदोलन की नहीं हो सकती है।

Ahan.. pic.twitter.com/rtCRlSNglU

— Jaspreet Kaur (@purekhalsa2020) August 20, 2019


ओरिजिनल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Dal Khalsa U.K. के एक ब्लॉग में यह फोटो मिली। इस ब्लॉग को 17 अगस्त, 2013 को पब्लिश किया गया था। ब्लॉग के मुताबिक, 15 अगस्त 2013 को सेंट्रल लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर सिख समुदाय के अलावा अल्पसंख्यकों ने भारत पर उत्पीड़न और कब्जे का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। यह फोटो उसी समय की है. बताते चलें कि Dal Khalsa U.K. एक खालिस्तानी समर्थक ऑर्गनाइजेशन है।

वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि 7 साल पुरानी फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल फोटो का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

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