Fact Check: रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा की फीस बढ़ाकर की गई 500 रुपए? जानिए सच

बुधवार, 13 जनवरी 2021 (11:39 IST)
सोशल मीडिया पर रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस को लेकर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि सरकार ने रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है।

क्या है वायरल-

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने ट्व‍िटर हैंडल से एक खबर ट्वीट की है, जिसमें उन्‍होंने लिखा था क‍ि रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस 2013 तक 60 रुपए थी। भाजपा सरकार ने बढ़ाकर उसे 2016 में 500 रुपए कर दिया। बेरोजगारों से भर्ती के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड 900 करोड़ रुपए वसूल चुका है।

रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस 2013 तक 60 रुपए थी। भाजपा सरकार ने बढ़ाकर उसे 2016 में 500 रुपए कर दिया। बेरोजगारों से भर्ती के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड 900 करोड़ रुपए वसूल चुका है।

लेकिन रोजगार कितना मिला?

युवाओं से जो हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया गया था वो कितना पूरा हुआ? pic.twitter.com/SIwHfs87fU

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 11, 2021


ट्वीट की गई खबर के अनुसार, रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाएं भी सरकार की आय का बड़ा जरिया बन चुकी हैं। बेरोजगारों से परीक्षा के नाम पर बोर्ड जो फीस वसूलता है, वो 2013-14 में मात्र नौ करोड़ हुआ करती थी। 2018 तक यह राशि बढ़कर 900 करोड़ हो गई।

क्या है सच-

सरकार ने इस खबर को फर्जी और पूरी तरह से निराधार बताया है। केन्द्र सरकार की पॉलिसी/स्कीम्स/विभाग/मंत्रालयों को लेकर गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए काम करने वाले PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर इस फेक खबर के बारे में लोगों को जागरुक किया है।

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सरकार ने रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है।#PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। अनारक्षित व ओबीसी परीक्षार्थियों को ₹400 व आरक्षित श्रेणी के परीक्षार्थियों, महिलाओं और दिव्यांगों को पूरा पंजीकरण शुल्क वापस किया जाता है। pic.twitter.com/TmSLRkis5s

— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 12, 2021


PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट कर लिखा है- “सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सरकार ने रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है। यह दावा भ्रामक है। अनारक्षित व ओबीसी परीक्षार्थियों को ₹400 व आरक्षित श्रेणी के परीक्षार्थियों, महिलाओं और दिव्यांगों को पूरा पंजीकरण शुल्क वापस किया जाता है।”

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