इंग्लैंड में भी खतरनाक होंगे आरपी सिंह

मंगलवार, 26 मई 2009 (17:10 IST)
आईपीएल-2 में 'पर्पल कैप' हासिल करने वाले तेज गेंदबाज रूद्रप्रताप सिंह के कोच का मानना है कि ट्वेंटी-20 विश्व कप में इंग्लैंड की पिचों पर उसकी गेंदों को और स्विंग मिलेगी, जिससे विरोधी बल्लेबाजों के लिए उसे खेल पाना आसान नहीं होगा।

दक्षिण अफ्रीका में आईपीएल-2 में सर्वाधिक 23 विकेट लेने वाले आरपी डेक्कन चार्जर्स की खिताबी जीत के सूत्रधारों में रहे। उन्होंने इंग्लैंड में अगले महीने होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में वापसी की है।

लखनऊ के स्पोर्ट्स कालेज में आरपी को गेंदबाजी का ककहरा सिखाने वाले कोच दीपक शर्मा ने कहा इंग्लैंड में आरपी और भी कामयाब रहेगा। उसकी गेंदों को लेट स्विंग मिलती है और इंग्लैंड की पिचों से उसे फायदा होगा।

उन्होंने आरपी की कामयाबी का श्रेय उसकी जबर्दस्त इच्छाशक्ति को देते हुए कहा टीम इंडिया से बाहर होने के बाद भी उसने एकाग्रता नहीं खोई। फिटनेस और तकनीक पर लगातार मेहनत करता रहा, जिसका नतीजा आज सभी के सामने है।

चौदह बरस की उम्र में आरपी की प्रतिभा को पहचानने वाले शर्मा ने कहा उसकी खूबी यह है कि वह हमेशा शीर्षक्रम के विकेट लेता है। बड़ा विकेट लेने के बाद वह कामयाबी की रौ में नहीं बहता और तुरंत अगले विकेट की प्लानिंग शुरू कर देता है। यह खूबी बहुत कम गेंदबाजों में होती है।

शर्मा ने तकनीकी कौशल को आरपी का सबसे मजबूत पहलू बताते हुए कहा आरपी और सुरेश रैना दोनों मेरे छात्र रह चुके हैं और दोनों के बेसिक्स बहुत मजबूत हैं। फील्डिंग में भी वह सबसे चुस्त नजर आते हैं क्योंकि उन्हें कामयाबी रातोरात नहीं मिली बल्कि इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है।

उन्होंने कहा आरपी रायबरेली का है और उसके भीतर कुछ कर दिखाने का खास जोश था, जो छोटे शहरों के लड़कों में होता है। आज इतने साल बाद भी उसका यह जोश जस का तस है।

उन्होंने कहा टीम इंडिया में चयन के बाद भी उसने स्पोर्ट्स कालेज में अभ्यास नहीं छोड़ा। जब भी वह लखनऊ में होता है तो रोज अभ्यास करने आता है और घंटों मैदान पर बिताता है। अपनी इसी लगन के कारण टीम से बाहर होने के बाद भी उसने शानदार वापसी की।

वनडे क्रिकेट में 2005 में पदार्पण करने वाले आरपी को 2006 में चैम्पियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के कारण बाहर कर दिया गया था। उन्होंने हालाँकि 2007 में पहले ट्वेंटी-20 विश्व कप में शानदार वापसी करते हुए सात मैचों में 12 विकेट लिए और वह दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज रहे।

शर्मा ने यह भी कहा कि आरपी कमाल का गेंदबाज है और डैथ ओवरों में वह हमेशा कप्तान की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है। उन्होंने कहा चाहे गिलक्रिस्ट हों या धोनी वे आरपी को आखिरी ओवर सौंपने से नहीं हिचकिचाते। उन्हें पता है कि वह दबाव को अपने पर हावी होने देने वालों में से नहीं है।

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