घाना की सफलता:लाफिंग, सिंगिंग, डांसिंग

बुधवार, 30 जून 2010 (18:49 IST)
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विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुँचने वाली अफ्रीका की एकमात्र टीम घाना के कप्तान स्टीफन अपैया ने ‘ब्लैक स्टार्स’ की इस सफलता के राज का खुलासा करते हुए कहा कि उनके खिलाड़ी कभी दबाव में नहीं रहते और हमेशा मुस्कराते या ठहाका लगाते रहते हैं।

घाना ने अंतिम सोलह के मैच में अमेरिका को 2-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई जहाँ उसका मुकाबला शुक्रवार को उरूग्वे से होगा। अपैया ने हालाँकि कहा कि उनकी टीम पर इसका कोई दबाव नहीं है।

अपैया ने कहा कि आपने हमारे शिविर (रस्टेनबर्ग) में देखा होगा कि किसी तरह का तनाव या दबाव नहीं है। हम हमेशा मुस्कराते हुए, गाते हुए या ठहाका लगाते हुए मिलेंगे। मैंने अपने अनुभव से यही सीखा है कि आप खुद पर जितना दबाव बनाओगे उतनी चीजें गलत होंगी।

उन्होंने अपनी टीम की सफलता का राज बताते हुए कहा कि इसलिए मैं अपने खिलाड़ियों से कह रहा हूँ कि वे आजाद हैं और किसी को भी मैच के बारे में नहीं सोचना चाहिए। हो सकता है मैच से एक दो दिन पहले से हम उस पर ध्यान देना शुरू कर देंगे लेकिन अभी पूरी तरह से मस्त हैं। अभ्यास कर रहे हैं, खूब हँस रहे हैं, गा रहे और नाच रहे हैं। मेरा मानना है कि सफलता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।

अपने 13 साल के करियर में अधिकतर समय यूरोपीय विशेषकर इटली के क्लबों में बिताने वाले 29 वर्षीय अपैया का मानना है कि घाना की युवा टीम अन्य टीमों से एकदम भिन्न है।

उन्होंने कहा कि ब्लैक स्टार्स की यह टीम एकदम से भिन्न है। यदि आप अन्य टीमों को देखोगे। यदि आप किसी बड़ी जीत के बाद उनके शिविर में जाओगे तो देखोगे कि खिलाड़ी लॉबी के बाहर खड़े हैं, शराब पी रहे हैं और रात में देर से सोते हैं।

अपैया ने कहा लेकिन हमारे शिविर में आप एक खिलाड़ी को भी बाहर घूमता हुआ नहीं पाओगे। किसी बड़ी जीत के बाद हम अपने कमरों में रहते हैं। अपनी पत्नियों, महिला मित्रों या दोस्तों से बात करते हैं। हम ऐसी जीत के बाद संगीत सुनेंगे या ताश खेलेंगे। बड़े खिलाड़ियों के साथ एक अहम बात जुड़ी होती है, आप बड़ी जीत के बाद उन्हें बाहर जश्न मनाते हुए नहीं पाओगे। उनकी एकाग्रता कभी भंग नहीं होती और यह अच्छा संकेत है।

उन्होंने कहा कि इतिहास हमेशा इतिहास रहता है। अब हमारी बारी है। यह घाना के इतिहास है। हमें आशा है कि हम सेमीफाइनल में पहुँचकर नया इतिहास रचेंगे। मेरे लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि एक दिन मैं अपने बच्चों को बताऊँगा कि दक्षिण अफ्रीका में 2010 में क्या हुआ था। (भाषा)

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