साल 2012 और बारह राशि

जानिए वर्ष 2012 का राशि भविष्य। कोई भी परेशानी होने पर नए वर्ष में राशिनुसार करें शुभता के निम्न उपाय।

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मेष : - इस राशि वालों के लिए शनि का विपरीत प्रभाव स्वास्थ्य व प्रतिष्ठा पर होगा। शनि की सप्तम दृष्टि लग्न पर पड़ने से व्यक्तित्व पर असर होगा। मेष राशि वाले सरसों का एक चम्मच तेल प्रति शनिवार को जमीन पर गिराएं। शनि दर्शन से बचें। पुखराज सव्वा पांच रत्ती का चांदी के लॉकेट में बनवा कर गुरुवार को प्रातः 7.15 पहनें।

वृषभ : - इस राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण षष्ट भाव से होने के कारण द्वादश भाव पर नीच दृष्टि पड़ने से बाहरी संबंध में गड़बड़ी से बचने के लिए सुरमे की नौ शीशी या एक शीशी सरसों का तेल भरकर तालाब में डालें। गले में दस रत्ती का ओपल लॉकेट बनवा कर पहनें।

मिथुन : - शनि का गोचरीय भ्रमण पंचम से होकर आय भाव एकादश पर नीच दृष्टि डालने से आय में कमी का कारण बनता है। आपके लिए तिल का तेल एक चम्मच भरकर जमीन पर गिराएं। बड़े भाई की सेवा करें। पन्ना पहनें।

कर्क : - इस राशि वालों के लिए शनि का भ्रमण चतुर्थ भाव से होकर दशम व्यापार, नौकरी, राजनीति, पिता पर विपरीत असर डालने से बचने हेतु सरसों का तेल या तिल का तेल जमीन पर डालें। मोती के साथ पुखराज पहनें।

सिंह : - इस राशि वालों के लिए तृतीय भाव से शनि का भ्रमण रहेगा। नवम (भाग्य) भाव पर नीच दृष्टि पड़ने से भाग्य, धर्म में रूकावट डालेगा। इससे बचने हेतु सरसों का तेल जमीन पर डालें। मूंगा सव्वा दस रत्ती का अनामिका में चांदी की अंगूठी बनवा कर पहनें।

कन्या : - इस राशि वालों के लिए द्वितीय (वाणी) भाव से शनि का भ्रमण आयु भाव पर नीच दृष्टि डाल रहा है। जो व्यक्ति बीमार चल रहे है, वे सरसों का तेल स्वयं पर से उतार कर दान दें। जो जमीन पर डाल सके वह तिल का तेल एक चम्मच कच्ची जमीन पर गिराएं।

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तुला : - इस राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण लग्न से होकर सप्तम भाव पर नीच दृष्टि डाल रहा है। जीवनसाथी को नुकसान हो सकता है। शुभता के लिए जमीन पर तिल तेल एक चम्मच गिराएं व ओपल पहनें।

वृश्चिक : - इस राशि वालों के लिए द्वादश भाव पर शनि का भ्रमण है, जो षष्ट भाव पर नीच दृष्टि डालने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है। कर्ज से परेशान रखता है। इससे राहत पाने हेतु जमीन में सरसों का तेल प्रति शनिवार को एक चम्मच भरकर डालें।

धनु : - इस राशि वालों के लिए शनि का भ्रमण एकादश (आय) भाव से होकर पंचम संतान, विद्या, प्रेम भाव पर नीच दृष्टि डाल रहा है, अत: इन मामलों पर विपरीत प्रभाव रहेगा। शनि की शुभता हेतु स्कूल में काली वस्तुओं का दान करें व स्कूल की जमीन पर सरसों का तेल डालें।

मकर : - इस राशि वालों के लिए दशम भाव से गोचर भ्रमण करके चतुर्थ (माता, भूमि : -भवन, प्रसिद्धि) भाव पर विपरीत प्रभाव डालेगा। इससे बचने हेतु गरीब बुजुर्ग औरत को कंबल दान करें। सरसों के तेल से भरी शीशी नदी में प्रवाहित करें।

कुंभ : - इस राशि वालों के लिए शनि का भ्रमण नवम भाव से हो रहा है। यह गोचर तृतीय (छोटे भाई, पराक्रम, साझेदारी, शत्रु) भाव को प्रभावित करेगा। इससे बचने हेतु छोटे भाई से मधुर व्यवहार रखें। शत्रु पक्ष से बचाव हेतु शनि मंत्र का जाप 108 बार प्रत्येक शनिवार वर्ष भर करें।

मीन : - इस राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण अष्टम से हो रहा है। अत: द्वितीय भाव (धन, कुटुंब, वाणी व बचत) पर विपरीत प्रभाव डालेगा। इससे बचने हेतु वाणी पर सयंम रखें। सरसों का तेल जमीन पर गिराएं।

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