मार्गशीर्ष/अगहन मास (Margashirsha Maas) को भगवान श्री कृष्ण का महीना माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस माह में गजेन्द्र मोक्ष, विष्णु सहस्त्रनाम तथा भगवद्गीता का पाठ पढ़ने की बहुत महिमा है।
इस माह गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र पढ़ने मात्र से जहां हर तरह के ऋण/कर्ज से मुक्ति मिलती है, वहीं 10 दिशाओं से शुभ फल दिलाने में सक्षम है। मान्यतानुसार इसे अगहन माह में दिन में 2-3 बार अवश्य पढ़ना चाहिए।
मार्गशीर्ष इस मास में श्रीमद्भागवत ग्रंथ को देखने भर की विशेष महिमा बताई गई है। स्कंद पुराण के अनुसार घर में अगर भागवत हो तो इस माह में दिन में एक बार उसको प्रणाम जरूर करना चाहिए। यहां पढ़ें गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र (gajendra moksha stotra) संपूर्ण पाठ-
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र gajendra moksha stotra
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो।
जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रुचि-भोग लगायो।