फूल, पुष्प, सुमन, कुसुम मंजरी, प्रसून, गुल और फ्लॉवर्स जैसे विविध शब्दों से हम जिन्हें संबोधित करते हैं उनके ख्याल मात्र से मन महक जाता है। आसपास सुगंध और खुशबू फैल जाती है। आखिर प्रकृति के इतने खूबसूरत वरदान से भगवान को प्रेम क्यों नहीं होना चाहिए। आइए जानते हैं कि फूल क्यों जरूरी है पूजा में....
फूलों से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
फूल इंसान की श्रद्धा और भावना का प्रतीक है।
फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं। इनके द्वारा अलग-अलग तरह की कामना भी पूरी की जा सकती है।
पूजा में वास्तविक फूल भी अर्पित कर सकते हैं और मानसिक भी।
पुराणों में वर्णित है कि आदिकाल से फूल देवी-देवताओं का प्राकृतिक श्रृंगार माने गए है।
यही वजह है कि किसी न किसी फूल के साथ किसी न किसी विशेष देवता या देवी का नाम अवश्य आता है।
गेंदे के फूल का महत्व और प्रयोग विधि
फूलों में सबसे ज्यादा गेंदे के फूल का इस्तेमाल होता है। यह कई प्रकार का होता है, लेकिन पीले गेंदे का फूल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
- गेंदा वास्तव में एक फूल नहीं बल्कि छोटे-छोटे फूलों का एक गुच्छा है।
- गेंदे के फूल का संबंध बृहस्पति से होता है।
- गेंदे के फूल के प्रयोग से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
- गेंदे के फूल के प्रयोग से आकर्षण क्षमता बढ़ जाती है।
- भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं। इससे आपको संतान से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।