ज्योतिष में जब किन्हीं दो या दो से अधिक ग्रहों का कोई संबंध होता है तो उसे योग कहा जाता है। यह योग शुभ भी हो सकता है और अशुभ भी। जब योग अशुभ होता है तब जीवन में संघर्ष आते हैं, कठिनाईयां आती हैं और जीवन-यापन करना दुष्कर हो जाता है किन्तु जब यह योग शुभ होता है तब जीवन में सफ़लता प्राप्त होती है, यश प्राप्त होता है और जीवन सानन्द व्यतीत होता है।
अमला योग एक ऐसा ही शुभ राजयोग है। जिस जातक की जन्मपत्रिका में अमला योग होता है उसे जीवन में सफ़लता प्राप्त होती है, उसे धन-यश-पद-प्रतिष्ठा सब कुछ प्राप्त होता है व जीवन संघर्षरहित व्यतीत होता है।
आइए जानते हैं कि अमला योग का निर्माण जन्मपत्रिका में किन ग्रहस्थितियों में होता है।
-जब जन्मलग्न अथवा चन्द्रलग्न से दशम स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो और उस पर कोई पाप प्रभाव ना हो तो जन्मपत्रिका में अमला योग का निर्माण होता है। अमला योग में जन्म लेने वाला जातक सफ़ल, सम्पन्न स्थायी सम्पत्तिवाला होता है।