सीमा व्यास

सीमा व्यास, राज्य संसाधन केन्द्र, इंदौर में कार्यक्रम अधिकारी हैं। नवसाक्षरों, महिला मुद्दों और सामयिक विषयों पर सृजनात्मक लेखन करती हैं। विविध पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।
बस एक बार चुप्पी टूट जाए फिर देखना बहुत क्षमता है किशोरी में। वह हंसती है तो चांदनी बिछ जाती है धरती पर। वह उछलती है तो लगता है उड़ती हवा को पकड़ लेगी मुटठी...
’दादाजी, मैं साइकिल चलाना नहीं सीखूंगी।’ दादाजी ने अखबार से चेहरा निकालते हुए पूछा, ’क्यों? गिर पड़ी क्या?’ मैंने अपने सही-सलामत कोहनी और घुटने...
तीन साल पहले ही रजनी इस शहर में आई थी। उसके पति मॉल में सिक्यूरिटी आफिसर थे। उसने अपनी बेटी को शहर के बेहतर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में डाला। अब वह थर्ड...
पूना में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाली स्नेहा का शुरू से सपना था, कि शादी के बाद वो सिर्फ पति के साथ रहे। दोनों कमाएं, खाएं,घूमें, मौज करें। परिवार...
धमम् तपड़......धमम् तपड़.... धमम् तपड़... जसोदाबाई नीम तले ढोलक ठोक रही थी। बेसुरा, बेताल। ढोलक की दोनों चाटी पर पूरे हाथ पड़ रहे थे और बेढब आवाज़ दूर तक जा...
विवस्वान की ऊर्जा धरती को चैतन्य कर देती है। तृण से लेकर वन तक, जीव से लेकर जगत तक, बूंद से लेकर सागर तक, सभी में ऊष्मा का प्रवाह आरंभ हो जाता है। धरा...
आयशा तुमने कहा ,प्यार एकतरफा नहीं होना चाहिए। मैं तो कहती हूं, हर बार एक तरफा ही हो और हर बार उंगलियां खुद की ओर उठी हों। सबसे ज्यादा प्यार खुद से करो।...