बच्चे की पैदाइश की तारीख बताना कितना सही?

गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015 (15:11 IST)
- कीथ मूर बीबीसी न्यूज

हर मां बाप चाहते हैं कि उन्हें पता रहे कि बच्चा किस दिन पैदा होगा, लेकिन नए आकड़े बताते हैं कि बच्चा जनने की बताई गई तारीख अक्सर गलत साबित होती है। आखिरी बार हुए माहवारी के दिन में 280 दिन या 40 हफ्ते जोड़कर बच्चा होने की तारीख बताई जाती है।


इसके बाद अल्ट्रासाउंड करके भ्रूण के आकार के आधार पर तारीख बताई जाती है। अगर दोनों ही स्थिति में 'बच्चा होने की तारीख' में एक हफ्ता या उससे ज्यादा अंतर होता है तो ऐसे में अल्ट्रासाउंड को सही माना जाता है।

ब्रिटेन और अधिकांश विकसित देशों में बच्चा होने की तारीख बताने के लिए यही तरीका अपनाया जाता है। गैरसरकारी संगठन पेरीनैटाल संस्था के आकड़ों के मुताबिक शायद ही बच्चा जनने की बताई गई तारीख सही निकलती है। ऐसा सिर्फ चार फीसदी मामलों में देखा गया है कि पहले से बताई तारीख को बच्चा जन्मा हो।

'अनुमानित तारीख' : अगर अपरिपक्व और जटिल मामलों को मिला लें तब भी यह आंकड़ा सिर्फ 4.4 फीसदी का ही बन पाता है।

पेरीनैटाल संस्था के प्रोफेसर जैसन गार्डोसी कहते हैं कि लेकिन फिर भी ये मां-बाप बनने वालों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे उन्हें देखभाल करने के समय के बारे में एक अंदाजा तो लग ही जाता है।

बच्चा जनने वाली मां के लिए उनकी सलाह है कि अमूमन बच्चा 37 हफ्ते (259 दिन) से लेकर 42 हफ्ते (294 दिन) के बीच में होता है। इस समय तक बच्चा पूरी तरह परिपक्व हो जाता है।

गार्डोसी का कहना है कि 'बच्चा होने की तारीख' बताने की जगह इसे बच्चा होने की 'अनुमानित तारीख' कहना चाहिए।

उनका कहना है, 'अधिकतर माएं 'बच्चा होने की तारीख' पर भरोसा कर बेवजह परेशान और बेचैन हो जाती हैं। इससे बेहतर है कि हम उन्हें सिर्फ एक अनुमानित तारीख बताएं जिससे गर्भावस्था के दौरान परेशानियों का वह ठीक से सामना कर सकें।'

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