इंडोनेशिया प्लेन हादसा: उड़ान के तीन मिनट बाद ही भारतीय पायलट ने मांगी थी लौटने की इजाज़त

Webdunia
मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018 (11:13 IST)
Indonesia Plane Incident
उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद इंडोनिशयाई जेट के समंदर में क्रैश करने की वजहें धीरे-धीरे सामने आने लगी हैं। पहले से ही यह प्लेन तकनीकी समस्या से जूझ रहा था। बीबीसी को एक टेक्निकल लॉग मिला है और इससे कई चीज़ें साफ़ हो जाती हैं।
 
 
रविवार को बाली से जकार्ता जा रही इसी फ्लाइट से मिले टेक्निकल लॉग से पता चलता है कि एक उपकरण भरोसे लायक नहीं था और पायलट ने अपने साथी पायलट को इसकी जानकारी दी थी। बोइंग 737 प्लेन में कुल 189 लोग सवार थे। सोमवार की सुबह जर्काता से उड़ान भरने के 13 मिनट बाद ही यह प्लेन समंदर में क्रैश हो गया था। अब तक कोई ज़िंदा नहीं मिला है।
 
 
प्लेन जेटी 610 जकार्ता से इंडोनेशिया के पश्चिमी शहर पंगकल पिनांग के लिए जा रहा था। राहत बचाव दल को कुछ शव, लोगों के सामान और बच्चों के जूते मिले हैं। पीड़ित परिवारों से कहा गया है कि वो अस्पताल जाकर शवों की पहचान करें।
 
 
प्लेन में समस्या क्या थी?
बीबीसी को इसी फ़्लाइट की पिछली उड़ान का टेक्निकल लॉग मिला है। इस लॉग में कहा गया है कि कैप्टन के पास मौजूद एयरस्पीड रीडिंग का उपकरण भरोसे लायक नहीं था। इसके साथ ही पायलट और को-पायलट के विमान की ऊंचाई का पता लगाने वाले उपकरण भी अलग-अलग आंकड़े दे रहे थे।
 
 
इसी को देखते हुए चालक दल ने जकार्ता वापस आने का फ़ैसला किया था। इस प्लेन के कैप्टन भव्य सुनेजा भारतीय थे और वो दिवाली में छुट्टी लेकर दिल्ली अपनी पत्नी के पास आने वाले थे।
 
 
इससे पहले लॉयन एयरलाइंस के एग्जेक्यूटिव एडवर्ड सिराइट ने कहा था कि प्लेन में तकनीकी समस्या थी, लेकिन इसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। यह समस्या बाली से जकार्ता की उड़ान के दौरान ही थी। हालांकि उन्होंने बाद में ये भी कहा कि इसे सुलझा लिया गया था।
 
सोमवार सुबह 06:20 बजे इस प्लेन ने जकार्ता से उड़ान भरी थी। इसे एक घंटे में पंगकल पहुंचना था, लेकिन 13 मिनट के भीतर इस प्लेन का संपर्क टूट गया। अधिकारियों का कहना है कि पायलट ने जकार्ता वापस आने की बात कही थी। लॉयन एयर का कहना है कि पायलट और को-पायलट का उड़ान अनुभव 11 हज़ार घंटे का था। इतने घंटों के अनुभव को काफ़ी परिपक्व माना जाता है।
 
 
दो पायलटों के अलावा चालक दल में तीन ट्रेनी थे और एक टेक्निशियन था। बीबीसी को जानकारी मिली है इस उड़ान में इंडोनेशिया के वित्त मंत्रालय के 20 कर्मचारी भी सवार थे। 
 
 
एविएशन सेफ़्टी वेबसाइट ने क्रैश प्लेन के डेटा का विश्लेषण कर बताया है कि इसकी गति और ऊंचाई बुरी तरह से अस्थिर थी। उड़ान भरने के बाद यह प्लेन बायीं ओर 650 मीटर ऊपर गया था और फिर 450 मीटर नीचे आया था।
 
 
इसके बाद फिर ऊपर गया और इसका लड़खड़ाना जारी रहा। अगर विमान में सब कुछ ठीक कर लिया गया था तो पायलट ने वापस आने को क्यों कहा था। भव्य ने उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही वापस जकार्ता लौटने के लिए कहा था। अब जांच का मुख्य फोकस इसी बात पर है।
 
 
कब क्या हुआ?
सोमवार की सुबह जकार्ता के स्थानीय समय 6.20 बजे जेटी 610 प्लेन ने सुकर्णो-हट्टा इंटरनेशनल एयपोर्ट से उड़ान भरी। पंगकल पिनगांग एयरपोर्ट पर इसके आने का टाइम 7.20 था।
 
 
6.23 बजे पायलट भव्य सुनेजा ने एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल से वापस जकार्ता लौटने की अनुमति मांगी और उन्हें इसकी मंजूरी मिल गई। 6.33 बजे प्लेन का एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। प्लेन 1580 मीटर की ऊंचाई पर था तभी ऐसा हुआ था। विमान इसी दौरान जावा समुद्र में 35 मीटर गहरे पानी में गिर गया।

 
विमान के बारे में हमें क्या पता है?
ये बोइंग का 737 MAX 8 मॉडल था जिसका साल 2016 से कॉमर्शियल इस्तेमाल शुरू हुआ था। लायन एयर ने कहा है कि ये एयरक्राफ़्ट इसी साल बनाया गया था और इसने 15 अगस्त से उड़ान भरना शुरू किया था। छोटी दूरी की फ़्लाइट के लिए बने इस विमान में अधिकतम 210 यात्री सवार हो सकते थे।
 
 
लॉयन एयर का सेफ़्टी रिकॉर्ड कैसा है?
इंडोनेशिया में बहुत सारे टापू हैं और यहां हवाई यात्रा, एक द्वीप से दूसरे पर जाने का एक भरोसेमंद ज़रिया है। लेकिन इंडोनेशिया की एयरलाइन्स का रिकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं है।
 
 
लायन एयर इंडोनेशिया की सबसे बड़ी बजट एयरलाइंस है। इस कंपनी की फ़्लाइट्स ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी के देशों में भी जाती हैं। साल 1999 में अस्तित्व में आई इस कंपनी का सेफ्टी रिकॉर्ड चिंताजनक है।
 
 
साल 2013 में लायन एयर की फ़्लाइट बाली में समुद्र में लैंड की गई थी। विमान पर सवार सभी 108 यात्री बच गए थे। इससे पहले 2004 में इसी एयरलाइन की फ़्लाइट ने सोलो सिटी में क्रैश लैंडिग की थी। इस दुर्घटना में 25 लोग मारे गए थे।
 

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