क्या है इंडोनेशिया का रिवेंज पोर्न मामला जिसमें अभियुक्त को हुई ऐतिहासिक सज़ा?

BBC Hindi
शनिवार, 15 जुलाई 2023 (16:57 IST)
Historical conviction in revenge porn case : इंडोनेशिया में रिवेंज पोर्न के एक मामले में अभियुक्त को 6 साल की सज़ा हुई है।इसके अलावा अभियुक्त के इंटरनेट इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी गई है। इस मामले में सहमति के बिना युवती की अंतरंग तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थीं।

हालांकि पीड़ित परिवार ने बीबीसी से बात करते हुए कहा है कि ये सज़ा काफ़ी नहीं है। अभियुक्त अल्वी हुसैन मुल्ला को अदालत ने दोषी क़रार देते हुए छह साल की सज़ा सुनाई है। इसके अलावा अभियुक्त के इंटरनेट इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता के भाई ने बीबीसी से कहा, इस घटना ने उस पर स्थाई प्रभाव छोड़ा है, सज़ा इतनी नहीं है जितनी पीड़िता की पीड़ा थी।
 
ये मामला इंडोनेशिया के बैंटन प्रांत का है जहां सहमति के बिना युवती की अंतरंग तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थीं। पीड़िता के भाई ने बीबीसी को बताया कि वो पुलिस में नई रिपोर्ट देंगे और अभियुक्त के ख़िलाफ़ यौन हिंसा अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग करेंगे।
 
वहीं अदालत के फ़ैसले को ऐतिहासिक बताते हुए पुलिस आयुक्त अमीना टार्डी ने कहा है कि ये फ़ैसला अपने आप में बेहद अहम है और क़ानून की सफलता है क्योंकि शायद ही कभी इससे पहले किसी अभियुक्त के इंटरनेट अधिकार रद्द किए गए हों। हालांकि पीड़ित परिवार का ये भी कहना है कि अभियुक्त को जो छह साल की अधिकतम सज़ा मिली है उसके पीछे सोशल मीडिया की भी भूमिका है क्योंकि इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चला था।

पीड़ित के परिवार के आरोप
परिवार ने ये आरोप भी लगाया है कि अभियोजन कार्यालय ने पीड़िता की अनदेखी कि और आठ महीने तक उसका पक्ष नहीं सुना। पीड़ित परिवार ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर थ्रेड चलाया था जिसके बाद इंटरनेट पर लोगों ने इसे लेकर प्रतिक्रियाएं दी थीं और इंडोनेशिया में इस मामले पर बहस शुरू हुई थी।
 
अदालत ने इस मामले में गुरुवार को अभियुक्त को सज़ा सुनाई है। पीड़िता के भाई ने 26 जून 2023 को ट्विटर पर इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। पीड़िता के भाई ने इस मामले के बाद अपनी पहचान सार्वजनिक करते हुए ट्वीट किए थे।
 
उन्होंने बीबीसी से कहा, अपनी बहन के साथ हुई इस घटना के बारे में सार्वजनिक रूप से बात करना कोई सुखद अनुभव नहीं था। इससे मेरी बहन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ा है। हालांकि पीड़िता के भाई इमान ज़नातुल हैरी का कहना है कि अपनी बहन के लिए इंसाफ़ पाने के लिए मेरे पास इस मामले को सोशल मीडिया पर वायरल करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था।
 
उन्होंने कहा, अगर ये मामला वायरल नहीं होता और सामान्य क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता तो इसका नतीजा इतना अच्छा नहीं होता। इसलिए ही हमारे परिवार ने इसे वायरल करने का जोख़िम उठाया है।

क्या हुआ था?
इमान ने सिलसिलेवार ट्वीट में बताया था कि उनकी बहन के साथ बलात्कार का वीडियो फैलाने की धमकी तीन साल से दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान उनकी छोटी बहन मानसिक पीड़ा से गुज़रती रही।
 
14 दिसंबर 2022 को पीड़िता को एक अनजान इंस्टाग्राम अकाउंट से एक मैसेज आया था जिसमें उनका बेहोशी की हालत में रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो था। इमान के मुताबिक उनकी बहन ने रोते हुए उन्हें सबकुछ बताया। इसके बाद परिवार ने पुलिस में मामला दर्ज कराने का फ़ैसला लिया।
 
लंबी जांच प्रक्रिया से गुज़रने के बाद आख़िरकार 21 फ़रवरी 2023 को अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया गया। इमान के मुताबिक़ इस दौरान उनका परिवार बहुत दबाव में था। वो बताते हैं, मेरी बहन को जबरन खींचा गया, पीटा गया, मुक्के मारे गए और सीढ़ियों में पीटा गया। अपराधी ने बार-बार मेरी बहन के गले पर चाकू रखा और उसे मारने की धमकी दी।
 
इमान के मुताबिक़, अभियुक्त वीडियो की धमकी देकर मेरी बहन पर बॉयफ्रेंड बनने का दबाव बना रहा था। इमान ने अपनी बहन के साथ हुई घटना के बारे में तीन हिस्सों में ट्वीट किए और इन्हें लाखों लोगों ने देखा। इस मामले में अभियुक्त अल्वी हुसैन मुल्ला के ख़िलाफ़ कई आरोप तय किए गए थे जिनके तहत अधिकतम छह साल की सज़ा का ही प्रावधान था।
 
इमान दावा करते हैं कि मुक़दमे की पहली सुनवाई के बारे में उन्हें या उनके वकीलों को कोई जानकारी नहीं मिली थी। दूसरी तारीख़ पर जब उनकी बहन को गवाही के लिए बुलाया गया तब उन्हें इसकी सुनवाई के बारे में पता चला। इमान दावा करते हैं कि उनकी बहन पर अदालत में बार-बार अभियुक्त को माफ़ कर देने का दबाव बनाया गया।
 
इमान दावा करते हैं कि अदालत में उन्हें और कई तरह की चुनौतियां का सामना करना पड़ा। अभियोजक ने घटना के वीडियो अपने लैपटॉप में खोलने तक से इनकार कर दिया था। इमान ने ये दावा भी किया है कि उनकी बहन का पक्ष अदालत में लेने वाला अभियोजक उनकी बहन को ही डरा रहा था और सही से उसका प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा था।
 
अदालत ने अश्लील वीडियो के मामले में तो अभियुक्त को सज़ा दी लेकिन उस पर बलात्कार के आरोप तय नहीं किए। इमान कहते हैं कि उनकी बहन का हमेशा से ये कहना रहा है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है और इसलिए ही वो इस मामले में नई रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। पांडेलांग ज़िला न्यायालय में फ़ैसला सुनाते हुए जज ने कहा था कि अभियुक्त ने जानबूझकर आपत्तिजनक सामग्री इंटरनेट पर वितरित की।
 
इस मामले में छह साल की जेल के अलावा अभियुक्त को अगले आठ साल तक इंटरनेट के इस्तेमाल से प्रतिबंधित करने का दंड भी दिया गया है। माना जा रहा है कि ये फ़ैसला इंडोनेशिया में एक मिसाल साबित होगा। ये पहली बार है जब किसी अभियुक्त के इंटरनेट अधिकार रद्द किए गए हैं।

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