रण की कहानी

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निर्माता : शीतल विनोद तलवार, मधु मटेंना
निर्देशक : रामगोपाल वर्मा
संगीत : अमर मोहिले, धर्मराज भट्ट, संदीप पाटिल, जयेश गाँधी, बापी, टुटुल, संजीव कोहली
कलाकार : अमिताभ बच्चन, रि‍तेश देशमुख, परेश रावल, मोहनीश बहल, नीतू चन्द्रा, गुल पनाग, सु‍चित्रा कृष्णमूर्ति, रजत कपूर, सुदीप, राजपाल यादव
रिलीज डेट : 29 जनवरी 2010

विजय हर्षवर्धन मलिक (अमिताभ बच्चन) ने पत्रकारिता के पेशे में हमेशा सच्चाई, ईमानदारी और नैतिक मूल्यों का साथ दिया है। वे देश के प्रति अपनी जवाबदारी को बखूबी समझते हैं। भारत का पहला निजी न्यूज चैनल विजय ने ही स्थापित किया है। इस चैनल को सच्ची पत्रकारिता का मंदिर कहा जाता है।

विजय के चैनल का पूर्व कर्मचारी अमरीश कक्कर (मोहनीश बहल) का चैनल विजय के चैनल से आगे है। अमरीश इसे एक व्यवसाय मानता है। सनसनी फैलाना और आधार‍हीन खबरों का प्रसारण उसके चैनल द्वारा किया जाता है। दर्शकों की संख्या को आधार माना जाए तो उसका चैनल सबसे आगे है।

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विजय इस बात से परिचित है कि अमरीश के चैनल के मुकाबले उसका चैनल पीछे है, लेकिन जो हथकंडे अमरीश अपनाता है वो विजय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

जय मलिक (सुदीप), विजय का बेटा और सीईओ, अपने चैनल को एक बार‍ फिर पहले स्थान पर ले जाना चाहता है। वह इस बात को पचा नहीं पाता कि अमरीश उससे आगे है। उसके पास एक ऐसी योजना है जिससे उसका चैनल शीर्ष पर पहुँच सकता है।

मोहन पांडे (परेश रावल) एक राजनीतिज्ञ है और देश के महत्वपूर्ण पद तक पहुँचने के लिए उसे जय की महत्वाकांक्षा काम आ सकती है। विजय की साख और विश्वसनीयता भी उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

कहा जाता है कि युद्ध छल से जीते जाते हैं और यह युद्ध भी इससे अलग नहीं था। विजय का चैनल ऐसी बात उजागर करता है कि एक बार फिर पहला स्थान हासिल कर लेता है।

पूरब (रितेश देशमुख) विजय को अपना आदर्श मानता है। वह विजय के चैनल में खोजी पत्रकार है। वह उस कहानी के पीछे छिपे राज को जान लेता है, जिसके जरिये विजय का चैनल शीर्ष क्रम पर पहुँच गया है।

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क्या होता है जब पूरब, विजय को सच्चाई बताता है?
क्या विजय अपने सिद्धांतों की खातिर उन भ्रष्ट लोगों से लड़ सकेगा जो उसके आसपास मौजूद हैं?
क्या वह अपनी गलती सुधार पाएगा?
क्या वह अपने बेटे से लड़कर सच्चाई को जनता के सामने लाएगा?

इन सवालों के जवाब मिलेंगे थ्रिलर फिल्म ‘रण’ में।

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