दो दर्जन हारे नेता फिर कांग्रेस प्रत्याशी

रायपुर। कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची से तीन विधायक बाहर हो गए हैं। बीता विधानसभा चुनाव हारने वाले करीब दो दर्जन नेताओं पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है। महिलाओं के हिस्से में टिकटों की संख्या बढ़ कर दस हो गई है। तीन अनारक्षित सीटों से भी आदिवासियों को उतारा गया है। अन्य पिछड़े वर्ग के खाते में 21 टिकट गए हैं।

पार्टी आलाकमान ने 90 में से 86 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। मरवाही का मामला लंबित है। चन्द्रपुर, सामरी व मनेन्द्रगढ़ सीटें समझौते के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दी गई हैं। भाजपा की तुलना में कांग्रेस आलाकमान मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। सिर्फ दो विधायकों के टिकट काटे गए। इनमें बेमेतरा के डॉ. चेतन वर्मा अस्वस्थता के चलते अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे।

इस प्रयास में वे सफल नहीं हो पाए। मुंगेली से चन्द्रभान बारमते का पत्ता साफ हो गया। सांसद अजीत जोगी की पसंद पर चुरावन मंगेशकर वहाँ से प्रत्याशी बनाए गए हैं। उनकी जरहागाँव सीट परिसीमन में विलोपित हो गई है। तीसरे विधायक डॉ. रामचंद्र सिंहदेव हैं, जो इस दफे चुनाव मैदान में नजर नहीं आएँगे। उन्होंने बढ़ती आयु व अस्वस्थता के चलते पहले ही चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। पार्टी ने उनकी सिफारिश पर वेदांती तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के बाकी 31 विधायक दोबारा टिकट हासिल करने में कामयाब हो गए हैं।

बीते विधानसभा चुनाव में दस हजार और उससे भी ज्यादा वोटों से हारने वाले नेताओं को भी पार्टी आलाकमान ने टिकट से नवाजा है। मसलन, प्रतापपुर से डॉ. प्रेमसाय सिंह, रामानुजगंज से बृहस्पति सिंह, लुण्ड्रा से रामदेव राम, धर्मजयगढ़ से चनेशराम राठिया, रामपुर से प्यारेलाल कँवर, बिलासपुर से अनिल टाह व मस्तूरी से मदन सिंह डहरिया फिर कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए हैं।

राजिम से अमितेश शुक्ल, बसना से देवेन्द्र बहादुर सिंह, खल्लारी से परेश बागबाहरा, महासमुंद से अग्नि चंद्राकर, धमतरी से गुरुमुख सिंह होरा, गुंडरदेही से घनाराम साहू, दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा चंद्राकर व दुर्ग शहर से अरुण वोरा पर कांग्रेस ने एक बार फिर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। हारने वालों की सूची में शामिल बदरुद्दीन कुरैशी भिलाईनगर से, डीपी धृतलहरे नवागढ़ से, धनेश पटिला डोंगरगढ़ से, गीतादेवी सिंह डोंगरगाँव से, भोलाराम साहू खुज्जी से, शिवराज सिंह उसारे मोहला मानपुर से, मंतुराम पवार अंतागढ़ से व प्रतिभा शाह चित्रकोट से प्रत्याशी बनाई गई हैं।

विधानसभा में आदिवासियों के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं। इसके बावजूद कांग्रेस ने 32 आदिवासियों को टिकट दिया है। तीन अनारक्षित सीटें कवर्धा, बसना व कटघोरा से क्रमशः योगीराज सिंह, देवेन्द्र बहादुर सिंह व बोधराम कँवर मैदान में हैं। अनारक्षित 51 में से 21 टिकट ओबीसी के हिस्से में गए हैं। इनमें छह साहू, पाँच कुर्मी व दो अघरिया प्रत्याशी हैं। पार्टी ने बीते चुनाव की तुलना में इस दफे महिलाओं के हिस्से में एक टिकट बढ़ा दिया। कुल दस महिला प्रत्याशियों में पाँच आदिवासी हैं। कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी दोबारा प्रत्याशी बनाई गई हैं। नए चेहरे के रूप में सारंगढ़ से पदमा मनहर, सक्ती से सरोजा राठौर, सिहावा से अंबिका मरकाम व डौंडीलोहारा से अनिता कुमेटी को मैदान में उतारा गया है।

आठ ब्राह्मण, पाँच क्षत्रिय व चार अग्रवाल : आठ ब्राह्मणों में वेदांती तिवारी बैकुंठपुर से, महंत रामसुंदर दास जैजैपुर से, गणेशशंकर वाजपेयी बलौदाबाजार से, सत्यनारायण शर्मा रायपुर ग्रामीण से, योगेश तिवारी रायपुर दक्षिण से, अमितेश शुक्ल राजिम से, अरुण वोरा दुर्ग शहर से व रविन्द्र चौबे साजा से प्रत्याशी होंगे। पाँच क्षत्रियों को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। इनमें अंबिकापुर से टीएस सिंहदेव, लोरमी से धरमजीत सिंह, तखतपुर से बलराम सिंह, वैशालीनगर से बृजमोहन सिंह व राजनांदगाँव से उदय मुदलियार शामिल हैं। बाकी सीटों में चार अग्रवाल- राजकमल सिंघानिया, संतोष अग्रवाल, जयसिंह अग्रवाल व परेश बागबाहरा को टिकट दिया गया है।

जैन समाज को सिर्फ एक सीट दी गई है। समाज के रेखचंद जैन जगदलपुर से प्रत्याशी बनाए गए हैं। भाजपा ने अपने इकलौते सिख विधायक रजिन्दरपाल सिंह भाटिया का टिकट काट दिया है। जवाब में कांग्रेस ने दो सिखों को टिकट दिया है। इनमें गुरुमुख सिंह होरा धमतरी व कुलदीप जुनेजा रायपुर उत्तर से मैदान में हैं। मुस्लिमों को भी दो टिकट मिले हैं। इनमें पंडरिया से मो. अकबर व भिलाईनगर से बदरुद्दीन कुरैशी शामिल हैं। (नईदुनिया)

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