नया मैदान, पुराने खिलाड़ी

रायपुर। रमन सरकार के मंत्री गणेशराम भगत की बगीचा सीट विलोपित होने के कारण भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में उनका नाम नहीं था। माना जा रहा था कि उनका टिकट कट गया। पार्टी ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए उन्हें सीतापुर के संग्राम का योद्धा बना दिया है। इसी तरह पाल सीट खत्म होने पर गृहमंत्री रामविचार नेताम ने पहले ही रामानुजगंज को चुन लिया था। पार्टी ने उनकी पसंद पर मुहर लगा दी।

पिल्खा सीट खत्म होने पर भाजपा विधायक रामसेवक पैकरा को प्रतापपुर में नया ठिकाना मिला है। यहाँ उनका मुकाबला पुराने प्रतिद्वंद्वी डॉ. प्रेमसाय सिंह से हो रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान सीपत से बेलतरा, भाजपा विधायक निर्मल सिन्हा मालखरौदा से जैजैपुर व दयालदास बघेल मारो से नवागढ़ पहुँच गए हैं। बघेल इस बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे से भिड़ेंगे।

मंत्री द्वय बृजमोहन अग्रवाल व राजेश मूणत की भी सीट बदल गई है। राजधानी में अब दो की जगह चार सीटें हो गई हैं। अग्रवाल रायपुर शहर की बजाय रायपुर दक्षिण से किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें पुरानी सीट के अलावा रायपुर ग्रामीण के इलाके भी परिसीमन में मिल गए हैं। वहीं मूणत को अपनी सीट के अलावा रायपुर शहर के कुछ इलाके मिले हैं। बस्तर में भाजपा ने विक्रम उसेंडी को नारायणपुर से अंतागढ़ व पीएचई मंत्री केदार कश्यप को भानपुरी से नारायणपुर शिफ्ट कर दिया है।

सरिया सीट खत्म होने पर कांग्रेस विधायक डॉ. शक्राजीत नायक भारी विरोध के बावजूद रायगढ़ से प्रत्याशी बना दिए गए हैं। जरहागाँव के विधायक चुरावन मंगेशकर को कांग्रेस ने मुंगेली में नया ठिकाना दिया है। इसके लिए मुंगेली के विधायक चन्द्रभान बारमते का पत्ता काट दिया गया। महंत रामसुंदर दास पामगढ़ से जैजैपुर, डॉ. हरिदास भारद्वाज भटगाँव से सरायपाली, डॉ. शिवकुमार डहरिया पलारी से बिलाईगढ़ चुनाव लड़ने पहुँच गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा मंदिर हसौद सीट खत्म होने के बाद रायपुर ग्रामीण से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं धमधा के विधायक ताम्रध्वज साहू को बेमेतरा का मैदान मिल गया है। वीरेन्द्रनगर सीट विलोपित होने के बाद मो. अकबर का नया अखाड़ा पंडरिया बना है। नई सीट में पुराने इलाके ज्यादा हैं। (नईदुनिया)

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