Corona vaccine update : भारत में सबसे पहले ऑक्सफोर्ड की Corona vaccine को मिल सकती है मंजूरी, 95% रोगियों की रक्षा करने में सक्षम

Webdunia
रविवार, 27 दिसंबर 2020 (20:44 IST)
नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) की रोकथाम के संभावित टीके को जनवरी में बाजार में उतारने की तैयारियां चल रही है, ऐसे में सूत्रों का कहना है कि भारतीय औषध नियामक की नजर ब्रिटेन के औषध नियामक पर है जो सूत्रों के मुताबिक ऑक्सफोर्ड द्वारा निर्मित कोविड-19 के टीके को अगले हफ्ते मंजूरी दे सकता है।

भारतीय नियामक उसके बाद ही सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए जा रहे टीकों के आपात स्थिति में इस्तेमाल के बारे में फैसला लेगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford university) और ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca) मिलकर कोरोना टीका तैयार कर रहे हैं। इस दौरान एस्ट्राजेनेका के सीईओ ने यह दावा किया कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन वायरस से 95 फीसदी सुरक्षा देगी। यह फाइजर और मॉडर्ना के टीके के बराबर ही कारगर होगी।

ब्रिटेन का नियामक ऑक्सफोर्ड निर्मित टीके को मंजूरी देता है तो केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विशेषज्ञ समिति बैठक करेगी तथा विदेश और भारत में क्लिनिकल आकलन से प्राप्त होने वाले सुरक्षा एवं प्रतिरक्षाजनत्व आंकड़ों की गहराई से समीक्षा करेगी एवं उसके बाद ही यहां पर टीके के आपात इस्तेमाल संबंधी मंजूरी दी जाएगी।

भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की प्रक्रिया में कुछ वक्त लग सकता है क्योंकि इसके तीसरे चरण के परीक्षण अभी भी चल रहे हैं वहीं फाइजर ने अभी तक अपने टीके का प्रस्तुतिकरण नहीं दिया है।

एक सूत्र ने बताया कि इस लिहाज से देखा जाए तो ऑक्सफोर्ड का टीका ‘कोविशिल्ड’ मंजूरी पाने वाला पहला टीका हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पिछले हफ्ते भारत के औषध महा नियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा मांगे गए अतिरिक्त आंकड़े दिए हैं।

ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया प्रकार सामने आने के बीच सरकार के अधिकारियों ने कहा कि इसका संभावित एवं विकसित होते टीकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और फाइजर ने इस महीने की शुरुआत में अपने कोविड-19 टीकों के आपात इस्तेमाल के लिए डीसीजीआई को आवेदन दिया था। फाइजर निर्मित टीके को ब्रिटेन, अमेरिका और बहरीन समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं।(इनपुट भाषा)

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