दद्दू का दरबार : स्वाइन फ्लू जांच की लेब आष्टा में...

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दू जी, ये क्या हो रहा है? केंद्र सरकार की योजनानुसार इंदौर, ग्वालियर, रीवा तथा भोपाल में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए वायरोलॉजी लेब बनाने की योजना थी। लेकिन वहां से मात्र 45 करोड़ का एक लेब जितना फंड ही मिला। प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी तथा प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा टेक्स देने वाले इंदौर, जो कि प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल हब भी है, की सशक्त दावेदारी को दरकिनार कर इस एक लेब को भोपाल को भेंट चढ़ाने का निर्णय ले लिया गया। वह भी तब जब भोपाल में पहले से ही एम्स जैसी एक लेब है। आप क्या कहेंगे इस बारे में?
 
उत्तर: देखिए इंदौर को ये सजा शायद इसलिए दी गई है कि वह देश का सबसे साफ शहर है। सरकार ने सोचा होगा कि सबसे साफ शहर में स्वाइन फ्लू वायरस पनप ही नहीं पाएंगे। दूसरी यह बात कितनी शर्मनाक होगी कि भोपाल के किसी मंत्री, आला अफसर या उनके किसी लाड़ले/लाड़ली को स्वाइन फ्लू हो और उसका सेम्पल इंदौर भेजना पड़े। जांच में देर हो जाने पर जिसकी कीमती जान पर बन आए। लिहाजा लेब तो भोपाल में ही होनी थी। हां आगामी चुनाव के मद्देनजर सरकार को इंदौर की जनता की नाराजगी मोल नहीं लेना थी। उन्हें चाहिए था कि इस लेब को आष्टा में स्थापित कर देते। इंदौर और भोपाल की जनता के साथ आष्टा के आसपास के सारे विधानसभा क्षेत्रों की जनता भी बेहद खुश हो जाती।

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