महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीइन ने कई सारी खोज की है। विज्ञान के महत्व को समझाने और लोगों को उससे जोड़ने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। आज भी उनके द्वारा बनाई वैज्ञानिक थ्योरी पर काम होता है तो कही शोध भी चल रहा है। आइंस्टीन के इतिहास की सबसे लोकप्रिय इक्वेशन E=mc² गणित और विज्ञान में आज भी चर्चित है। बता दें कि 27 सितंबर 1905 के दिन आइंस्टीन के रिसर्च पेपर में यह इक्वेशन छपी थी, इसके बाद से यह चर्चा का विषय है। इस रिसर्च पेपर में आइंस्टीन ने कहा था 'क्या कोई इकाई उसके ऊर्जा कंटेंट पर निर्भर करती है?' यह रिसर्च पेपर साइंस मैग्जिन एनालेन डे फिजीक में छपा था। इतिहास बन चुकी इस थ्योरी का सिंद्धांत क्या है आइए जानते हैं -
E=mc² का मतलब ?
इस थ्योरी में E का मतलब है ऊर्जा। जो किसी भी ईकाई में स्थित है। m का मतलब है द्रव्यमान। और C का मतलब होता है प्रकाश की गति से। इस इंक्वेशन का तात्पर्य था कि क्या इकाई के कुल द्रव्यमान को यदि प्रकाश की गति के वर्ग से गुणा करने पर इकाई की कुल ऊर्जा मालूम की जा सकती है। हालांकि इस थ्योरी को आइंस्टीन अपने वक्त में सिद्ध नहीं कर सकें थे। वहीं 2018 वैज्ञानिकों इस बात की पुष्टि की थी कि यह इंक्वेशन सिद्ध हुई है। आइंस्टीन के थ्योरी के 113 साल बाद फ्रेंच, हंगरी और जर्मन के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह सिद्ध किया था।
बहराहल, इस इक्वीशेंन पर लगातार प्रयोग चलता रहता है।बता दें कि दि्वीतीय विश्व युद्ध के दौरान भौतिकशास्त्री हेनरी डीवोल्फ द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई की उसमें भी इस इक्वेशन का जिक्र हुआ था। यही है कि विज्ञान की दुनिया में चमत्कार नहीं होते हैं चले आ रहे सिंद्धांतों पर लगातार प्रयोग होते हैं और उनके परिणाम ही इक्वेशन के रिएक्शन होते हैं।