पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत हिस्से पर पानी है। इन्हीं अपार जल भंडार के कारण पृथ्वी को 'नीला गृह' कहा जाता है। इस हिस्से में फ्लोरा-फौना की अनेक प्रजातियां रहती है और कुछ तो ऐसी है जिनका अभी तक पता नहीं लग पाया है। इन्हीं के संरक्षण और मानव-प्रकृति का सम्बन्ध बनाने के लिए प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में 'विश्व महासागर दिवस' मनाया जाता है।
कैसे आरम्भ हुआ
वर्ष 1992 में ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में एक ग्लोबल फोरम का आयोजन हुआ जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण एवं विकास सम्मेलन के सामानांतर था। इसमें ही 8 जून को वैश्विक स्तरपर महासागर दिवस मानाने का प्रस्ताव लाया गया। वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प लिया और इस दिवस को 'विश्व महासागर दिवस' नामित किया गया।
क्या है मूल उद्देश्य
इस दिवस को मानाने का मूल उद्देश्य लोगों को महासागर की भूमिका से अवगत करना है। साथ ही समुद्री जीवों के संरक्षण , मानवों के द्वारा बर्बाद की जा रही समुद्री दुनिया के प्रति सूचनाएं और जागरूकता अभियान और प्रकृति को बचाने के एक विश्वव्यापी आंदोलन के लिए प्रेरित करना है।
क्या है 2022 की थीम
जैसा कि हमें ज्ञात है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित हर विशेष दिवस की एक विशेष थीम होती है। वर्ष 2022 में विश्व महासागर दिवस की थीम है 'पुनरुद्धार - महासागरों के लिए संयुक्त कार्य''Revitalization: Collective Action for the Ocean'