जो हरा नहीं है सच कह दूँ तो वह जीवन से भरा नहीं है स्वार्थ का यक्ष प्रश्न कभी भी मरा नहीं है मैंने कहा कि चुप में भी है बात बड़ी विरोध बड़ा... जब उधर से उठती हैं तलवारें चलती हैं तोपें तो इधर से क्या चलें? क्या चलना चाहिए? क्या सिर्फ फूल? सच कह दूँ तो यह जीवन से भरा जीवन नहीं है और जो हरा नहीं है सच कह दूँ तो वह जीवन से भरा नहीं है मैंने कहा कि चुप में भी है बात बड़ी विरोध बड़ा...