वाशिंगटन। वियतनाम युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद घायल जवानों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले सेना के सेवानिवृत्त चिकित्सक जेम्स मैकलॉघन को 48 साल बाद पहला 'मेडल ऑफ ऑनर' दिया गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैकलॉघन को इस पदक से सम्मानित किया और कहा 'हमें आप पर गर्व है' और इसके बाद उन्होंने सेवानिवृत्त सैन्य चिकित्सक को गले लगा लिया।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के कई वरिष्ठ अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत दर्शकों की मौजूदगी में कहा कि मैं यहां मौजूद हर व्यक्ति से ओर से यह कहता हूं कि हम आपकी बहादुरी को सलाम करते हैं।
71 वर्षीय मैकलॉघन ने ट्रंप को धन्यवाद किया। वे 23 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हुए थे और उन्होंने वर्ष 1969 में नुई योन हिल की लड़ाई में साथी घायल जवानों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी।
देश के पूर्व रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने मेडल ऑफ ऑनर के लिए मैकलॉघन के नाम की सिफारिश की थी लेकिन यह पदक किसी व्यक्ति को उसके बहादुर काम के पांच साल के भीतर दिया जाना चाहिए। मैकलॉघन को इस पदक से सम्मानित करने के लिए इस सीमा को हटाना आवश्यक था और इसके लिए कांग्रेस को विधेयक पारित करने की आवश्यकता था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वर्ष 2016 के अंत में इस संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने के कारण उन्हें मैकलॉघन को सम्मानित करने का अवसर नहीं मिल सका। (भाषा)
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