गिली ने खोले सफलता के राज

सोमवार, 25 मई 2009 (17:09 IST)
डेक्कन चार्जर्स के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग में टीम की सफलता का राज खोलते हुए कहा है कि उन्होंने गलतियों से सबक सीखने की आत बनाई और चतुराई से ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट खेला।

गिलक्रिस्ट ने डेक्कन की छह रन से जीत के बाद कहा हमने पिछले साल की अपनी गलतियों से सबक सीखा और इस बार चतुराई से खेला। पहली ही गेंद से आक्रमण की रणनीति नहीं अपनाई।

डेक्कन पिछले सत्र में अंकतालिका में निचले स्थान पर रही थी। गिलक्रिस्ट ने कहा कि इस साल खिताब जीतकर उन्हें वैसी ही खुशी हुई जो तीन बार की विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का सदस्य होने के नाते मिली थी।

उन्होंने कहा अब मैं सिर्फ ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट ही खेल रहा हूँ। निश्चित तौर पर विश्व कप किसी के भी करियर का अहम मुकाम होते हैं, लेकिन फिलहाल जीवन में कुछ और चल नहीं रहा है तो यह जीत सबसे अहम हो गई है।

डेक्कन के प्रदर्शन पर गिलक्रिस्ट ने कहा कि पिछले साल के प्रदर्शन से एक कसक रह गई थी और वे इतने कामयाब अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद हार के उस सिलसिले से स्तब्ध रह गए थे।

उन्होंने कहा पिछले साल का अनुभव बेहद खराब था। मेरे लिए यह सबक जैसा था। ऑस्ट्रेलिया में चूँकि मैं कामयाब टीमों का सदस्य रहा। उसके बाद इस तरह लगातार हार मेरे लिए नई बात थी। उसके बाद मैने और टीम के हर खिलाड़ी ने मेहनत की जो रंग लाई।

रोहित शर्मा और प्रज्ञान ओझा के प्रदर्शन पर गिलक्रिस्ट ने कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है कि वे भारतीय क्रिकेट की बेशकीमती धरोहर हैं। उन्होंने कहा दोनों अपार प्रतिभाशाली हैं। रोहित के उपकप्तान होने के नाते उनके साथ बहुत मजा आया। मुझे उम्मीद है कि वे एक दिन बेहतरीन कप्तान साबित होंगे। उनका क्रिकेट उनके लिए बोलता है। वे बेहद प्रतिभाशाली हैं।

उन्होंने कहा जहाँ तक प्रज्ञान का सवाल है तो उसमें सीखने की ललक है। ये भारत के शानदार क्रिकेटर हैं और इसमें कोई शक नहीं।

बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के कप्तान अनिल कुंबले के बारे में गिलक्रिस्ट ने कहा कि यह अनुभवी लेग स्पिनर स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता का धनी है। उन्होंने कहा अनिल कुंबले जैसे किसी क्रिकेटर का इस तरह का प्रदर्शन कोई हैरानी की बात नहीं है। इस प्रतियोगिता में और भारतीय टीम की कमान संभालते समय भी वे स्वाभाविक कप्तान नजर आते हैं।

गिलक्रिस्ट ने डेक्कन के सेमीफाइनल में छह विकेट से जीतने का कयास लगाया था जो सही साबित हुआ। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने कोई और भी अनुमान लगाया था उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि प्रज्ञान ओझा मैन ऑफ द मैच होगा।

उन्होंने कहा आप मुझे पागल समझेंगे, लेकिन मैं देर रात ढाई बजे उठ गया। मुझे रोमांच के मारे नींद ही नहीं आ रही थी। थोड़ा नर्वस भी था। मेरा दिमाग दौड़ रहा था। सवा तीन बजे मैने एक और कयास लगाया कि ओझा मैन ऑफ द मैच होंगे।

उन्होंने कहा ओझा ने चार ओवर में 24 रन देकर तीन विकेट लिए और वे नजदीक भी पहुँचे। उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। वैसे मेरी यह भविष्यवाणी गलत होने से साबित हो गया कि मैं भी इंसान हूँ और हर कयास सही नहीं हो सकता।

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