मुंबई इंडियन्स में अनुभव और युवा जोश

मंगलवार, 14 अप्रैल 2009 (16:30 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सत्र में नाकआउट में पहुँचने में विफल रही मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की अगुआई वाली मुंबई इंडियन्स को इस बार अनुभव और युवा जोश का संतुलित मिश्रण सफलता की नई बुलंदियों तक पहुँचा सकता है।

मुंबई की इस टीम में तेंडुलकर श्रीलंका के आक्रामक बल्लेबाज सनथ जयसूर्या भारत के स्टार गेंदबाज जहीर खान और हरभजनसिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित कर चुके हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका के जेपी डुमिनी, इंग्लैंड के ग्राहम नेपियर, वेस्टइंडीज के ड्वेन ब्रावो, भारत के धवल कुलकर्णी, शिखर धवन, अभिषेक नायर और अजिंक्य रहाणे टीम की युवा फौज हैं।

बल्लेबाजी में टीम की रणनीति काफी हद तक तेंडुलकर और जयसूर्या की सलामी जोड़ी के इर्द-गिर्द घूमेगी, जो अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों के दो सबसे अनुभवी क्रिकेटर हैं। तेंडुलकर न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल में संपन्न एकदिवसीय और टेस्ट श्रृंखला में शानदार फॉर्म में थे।

इस दिग्गज बल्लेबाज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक की मदद से 244 रन जोड़े जबकि तीन टेस्ट में उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक से 344 रन बनाए। एकदिवसीय श्रृंखला में तेंडुलकर का औसत 122 जबकि टेस्ट में 68.80 रहा।

दूसरी तरफ आईपीएल की फेंचाइजी टीम में तेंडुलकर के सलामी जोड़ीदार जयसूर्या ने अपना जलवा दिखाते हुए पिछले सत्र में एक शतक और दो अर्धशतक की मदद से कुछ तूफानी पारियाँ खेली।

श्रीलंका का यह क्रिकेटर 42.83 की औसत से 166.34 के स्ट्राइक रेट से 514 रन बनाने के बाद आईपीएल के शीर्ष तीन बल्लेबाजों में शामिल रहा। वह इस ट्‍वेंटी-20 लीग के पहले टूर्नामेंट में शतक ठोकने वाले छह बल्लेबाजों में शुमार रहे। तेंडुलकर पहले सत्र में चोट के कारण सिर्फ सात मैचों में खेले और इनमें उन्होंने 31.33 की औसत से 188 रन बनाए।

तेंडुलकर के नेतृत्व वाली इस टीम से इंग्लैंड के ग्राहम नेपियर के रूप में युवा सनसनी बल्लेबाज भी जुड़ा है। एसेक्स के इस बल्लेबाज की 'बिग हिटिंग' का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि ससेक्स के खिलाफ एक ट्‍वेंटी-20 मैच में उन्होंने 16 छक्के जड़े थे, जो रिकॉर्ड है।

मौजूदा सत्र में टीम में मध्यक्रम को दक्षिण अफ्रीका के युवा बल्लेबाज जेपी डुमिनी मजबूती देंगे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी सरजमीं और फिर अपनी सरजमीं पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है और शानदार फॉर्म में चल रहे हैं।

मुंबई की युवा सेना की अगुआई करते हुए नायर ने 14 मैचों में 206 रन जोड़े जबकि ब्रावो ने ऑलराउंड खेल दिखाते हुए नौ मैचों में 178 रन बनाने के अलावा 11 विकेट भी चटकाए।

टीम को हालाँकि दक्षिण अफ्रीका में 18 अप्रैल से शुरू हो रहे दूसरे सत्र में रॉबिन उथप्पा (14 मैचों में 320 रन) और पहले सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज आशीष नेहरा (14 मैचों में 12 विकेट) की कमी खल सकती है।

मुंबई की इस टीम ने उथप्पा की बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के जहीर खान और नेहरा की दिल्ली डेयर डेविल्स के शिखर धवन के साथ अदला-बदली की है।

धवन ने आईपीएल 2008 के 14 मैचों में 340 रन बनाए थे। जहीर पहले सत्र में 11 मैचों में सिर्फ 13 विकेट चटका पाए थे लेकिन न्यूजीलैंड दौरे पर वह शानदार फार्म में थे और उन्होंने तीन टेस्ट में 30.76 की औसत से 13 विकेट चटकाए।

मुंबई को इस बार हरभजन से भी काफी उम्मीदें होंगी जो प्रतिबंध के कारण पिछले साल तीन ही मैच खेल पाए थे। तेंडुलकर की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभालने वाले हरभजन ने किंग्स इलेवन पंजाब के एस श्रीसंथ को थप्पड़ जड़ दिया था, जिसके चलते उन पर आईपीएल के बाकी 11 मैचों में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

यह ऑफ स्पिन गेंदबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 21.37 की औसत से 16 विकेट चटकाकर शीर्ष गेंदबाज रहा था।

मुंबई इंडियन्स में दिलहारा फर्नान्डो और लसिथ मलिंगा के रूप में श्रीलंका की अनुभवी तेज गेंदबाज जोड़ी भी मौजूद है जबकि रणजी ट्राफी सत्र में अपनी तेज गेंदबाजी से धूम मचाकर भारतीय टीम में जगह बनाने वाले युवा धवल कुलकर्णी से भी टीम को दक्षिण अफ्रीका की उछाल लेती तेज पिचों पर काफी उम्मीदें होंगी।

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