JK Assembly Elections: जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (assembly elections) नजदीक आ रहे हैं, यह देखना बाकी है कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) अपने वोटर शेयर को बढ़ाना जारी रख पाते हैं? जम्मू और कश्मीर बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनाव (assembly elections) की तैयारी कर रहा है, जो 2019 में इस क्षेत्र के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पहला और 1 दशक में पहला चुनाव है। 90 सीटों के लिए चुनाव 3 चरणों में होंगे- 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।
प्रचार अभियान तेज : सभी राजनीतिक दलों ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है और अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार भाजपा के गठबंधन बनाने की संभावना नहीं है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी हाल के लोकसभा चुनावों से अपने घटते वोटर शेयर को पलट पाती है या नहीं?
इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नेकां और कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में कुल डाले गए वोटों का 41.6% वोट मिला। इसके विपरीत भाजपा, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) जिसने इंडिया ब्लॉक का विरोध किया, 31.7% वोट शेयर हासिल करने में सफल रही।
भाजपा ने 2 सीटें हासिल की थीं : 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 32.6% वोट शेयर के साथ जम्मू में 2 सीटें हासिल कीं। 2019 के संसदीय चुनावों में जम्मू और कश्मीर में मतदाताओं का मतदान 49.3% था और भाजपा ने जम्मू में अपनी 2 और लद्दाख में 1 सीट बरकरार रखी जिससे उसका वोट शेयर बढ़कर 46.7% हो गया।
हाल के चुनावों में भाजपा ने 3 लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार नहीं उतारे। अपनी पार्टी और डीपीएपी दोनों ने खराब प्रदर्शन किया जिसमें उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस ने कोई सीट नहीं जीती, लेकिन 2019 में इसका वोट शेयर 28.6% से बढ़ गया है। 2019 के संसदीय चुनावों में तीनों सीटें जीतने वाली नेकां का वोट शेयर 7.9% था। हाल के चुनावों में नेकां और कांग्रेस का संयुक्त वोट शेयर बढ़कर 41.6% हो गया।