भारत का व्यस्त क्रिकेट दौरा समाप्त कर स्वदेश लौटे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग ने अपने देश के क्रिकेटप्रेमियों से आग्रह किया है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के यहाँ आने पर उसे पूरा सम्मान दें क्योंकि वे जैसे को तैसा नीति में विश्वास नहीं करते।
भारत के खिलाफ एक दिवसीय श्रृंखला 4-2 से जीतकर और एक मात्र ट्वेंटी-20 मुकाबले में पराजित होने के बाद टीम के यहाँ पहुँचने पर कप्तान पोंटिंग ने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों और जनता से अपेक्षा करता हूँ कि गर्मियों में जब भारत की क्रिकेट टीम यहाँ आए, तो उसे वैसा ही सम्मान दिया जाए जैसा अन्य टीमों को दिया जाता है।
'द ऐज' अखबार ने पोंटिंग के हवाले से कहा कि मैं नहीं समझता कि भारत में हमारे साथ जो कुछ भी हुआ है उसके कारण भारतीय टीम के साथ यहाँ आने पर अलग तरह का व्यवहार किया जाए।
पोंटिंग ने स्पष्ट किया कि मैच के दौरान भारतीय दर्शकों ने साइमंड्स को देखकर बंदर जैसी आवाजें निकालीं, जिसका उन्हें बहुत दुख हुआ। इसके अलावा वह टीम इंडिया के एस. श्रीसंथ जैसे खिलाड़ियों के व्यवहार से भी दुखी हैं, जिनकी मैचों के दौरान कई बार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से बहस हुई।
पोटिंग ने कहा कि जहाँ तक उनका सवाल है नस्लभेद का मामला केवल खेल के मैदान पर ही नहीं, बल्कि किसी भी स्थान पर अस्वीकार्य है। पोंटिंग ने कहा कि मुझे लगता है कि श्रीसंथ सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों का कोपभाजन बनना पड़ सकता है उनके लिए यहाँ कठिन समय हो सकता है।
पोंटिंग ने कहा कि जब भी कोई टीम यहाँ आती है, तो आम तौर पर किसी न किसी मौके पर उसके साथ ऐसा होता है। मैं केवल यही उम्मीद करता हूँ कि भारत के आगामी दौरे में किसी तरह का नस्लीय विवाद न उभरे।
उन्होंने कहा कि साइमंड्स मामले पर कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी और उनकी टीम के साथियों को साइमंड्स के साथ दर्शकों के व्यवहार पर शर्मिंदा होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि मैं सोच सकता हूँ वह शर्मसार होंगे उन्हें होना चाहिए और अगर ऑस्ट्रेलिया में ऐसा हुआ होता, तो मैं भी शर्मसार होता। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर पूरा भरोसा है कि दोनों मिलकर इस तरह की घटनाओं की पुर्नावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी नीति तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि अब हम वहाँ भारत में नहीं हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि किसी अन्य टीम के साथ इस तरह का व्यवहार हो।