श्रीधर की नियुक्ति पर सदस्य अंधेरे में

सोमवार, 30 सितम्बर 2013 (23:14 IST)
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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड की कल चेन्नई में वार्षिक आम बैठक में हैदराबाद के पूर्व कप्तान एमवी श्रीधर को बीसीसीआई का महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) बनाए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हैदराबाद और दक्षिण क्षेत्र के लिए 97 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले 47 वर्षीय श्रीधर को हैरानीभरे फैसले के तहत बीसीसीआई में शामिल किया गया था। श्रीधर हैदराबाद क्रिकेट संघ के सचिव हैं।

बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी ने आज कहा कि हमें नहीं पता था कि उनका पद महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) का है। अध्यक्ष ने कल बैठक के दौरान बताया कि उन्हें बोर्ड में शामिल किया गया है। कल हटाए गए एक अधिकारी ने कहा कि अध्यक्ष श्रीनिवासन ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि क्यों और किसी पद पर श्रीधर को नियुक्त किया गया है। हमें सिर्फ इतना बताया गया कि श्रीधर मुंबई में बीसीसीआई मु़ख्यालय में काम करेंगे।

श्रीधर की नियुक्ति को लेकर बीसीसीआई के सदस्यों के बीच दो तरह की धारणा है। काफी कम संख्या में मौजूद श्रीनिवासन विरोधी धड़ा का सुझाव है कि श्रीधर को श्रीनिवासन ने ‘इनाम’ दिया है क्योंकि वह उनके द्वारा पेश किए गए नामांकन फार्म में प्रस्तावकों की सूची में शामिल थे।

एक मौजूदा वरिष्ठ पदाधिकारी ने हालांकि इन आरोपों को बकवास बताया है। अधिकारी ने कहा‍ ‍कि जो लोग कह रहे हैं कि श्रीधर को इनाम दिया गया है, उन्हें अपने तथ्य दुरुस्त करने चाहिए। श्रीनिवासन के नामांकन फार्म में आठ नाम (चार प्रस्तावक और चार अनुमोदक) थे। उन्हें सिर्फ एक प्रस्तावक और एक अनुमोदक की जरूरत थी।

श्रीनिवासन ने आठ नाम शामिल किए क्योंकि वह दिखाना चाहते थे कि स्थिति पूर्ण रूप से उनके नियंत्रण में है, इसलिए यह कहना बेमानी है कि श्रीधर को इनाम दिया गया। श्रीधर को मिले इस पद से स्पष्ट संकेत जाता है कि बीसीसीआई में काफी रूतबा रखने वाले मुंबई के रत्‍नाकर शेट्टी के अधिकारियों को सीमित किया जा सकता है।

शेट्टी महाप्रबंधक (खेल विकास) हैं और उनके श्रीधर के अंतर्गत काम करने की संभावना है। माना जाता है कि शेट्टी बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार के वफादार और एमसीए के मौजूदा अध्यक्ष तथा बीसीसीआई उपाध्यक्ष रवि सावंत के धुर विरोधी हैं।

इस संबंध में श्रीधर को किए गए फोन और एसएमएस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली जबकि बीसीसीआई में कोई भी इस मामले में प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं है। (भाषा)

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