भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ विश्वकप फाइनल में बल्लेबाजी के लिए ऊपरी क्रम में आने के बारे में कोई योजना नहीं बनाई थी और यह तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन का फैसला था।
धोनी ने इस साल अप्रैल में फाइनल में नाबाद 91 रन बनाए थे। उन्होंने यहां एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2011 में कहा मैंने शुरू में उपरी क्रम में आने की योजना नहीं बनाई थी।
गैरी ने मुझसे पूछा क्या मुझे पहले बल्लेबाजी के लिए जाना चाहिए। मुझे लगा कि दो स्पिनर हैं और मुझे ऐसा करना चाहिए और यह अच्छा फैसला रहा। भारतीय टीम को इन पुरस्कारों में विश्वकप की शानदार जीत के लिए 'इंडियाज हीरो ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
धोनी ने कहा कि उन्होंने फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह से खुद बल्लेबाजी के लिए उतरने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि वह स्पिनरों विशेषकर मुथैया मुरलीधरन का अच्छी तरह से सामना कर सकते हैं।
उन्होंने कहा गौतम गंभीर एक दो रन तेजी से बटोर रहा था। युवी और मैं दो रन लेने में अच्छे हैं। धोनी से जब पूछा गया कि दबाव में वह शांत कैसे बने रहते हैं, उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा मैं भी दबाव में प्रभावित रहता हूं और मेरे इतने अधिक सफेद बाल इसीलिए हुए हैं क्योंकि मैं मैदान पर उसे उजागर नहीं करता। (भाषा)