नई दिल्ली। मनोज तिवारी भारतीय टीम में वापसी करके बेहद खुश हैं, क्योंकि उन्हें बांग्लादेश दौरे के लिए एक बार फिर मौका दिया गया है, जहां 7 साल पहले पहली बार उन्हें भारतीय टीम का हिस्सा बनने का अवसर मिला था।
बांग्लादेश में तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में जगह बनाने वाले 28 वर्षीय तिवारी ने कहा कि चोटों और बांग्लादेश का नाम आते ही मेरे अंदर अजीब का अहसास आता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में बांग्लादेश दौरे के लिए ही मुझे पहली बार टीम में शामिल किया गया था, लेकिन इसके बाद मेरे कंधे में चोट लग गई थी। बांग्लादेश में ही मैं राष्ट्रीय टीम में वापसी कर रहा हूं। इस वापसी के साथ मैंने अपने जीवन का एक चक्र पूरा कर लिया।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें इस दौरे पर वापसी की उम्मीद थी? तिवारी ने कहा कि देखिए, जब मैं टीम से बाहर हुआ था तो यह मेरे घुटने की चोट के कारण था, खराब फॉर्म के कारण नहीं।
उन्होंने कहा कि इससे ठीक पहले मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ए की ओर से शतक जड़ा था। इसलिए एक बार मैच फिट होने के बाद मुझे पता था कि मेरा समय आएगा। तिवारी ने साथ ही समर्थन के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि मेरे मैच फिट होने के बाद चयनकर्ताओं ने मुझसे कहा था कि वे मेरे प्रदर्शन पर नजर रखेंगे। मेरी क्षमता पर भरोसा करने के लिए मैं उनका आभारी हूं। मुझे इस मौके की जरूरत थी और मैं अपना 200 प्रतिश तक देना चाहता हूं। (भाषा)