छिंदवाड़ा में कमलनाथ की इस चूक का फायदा उठा रही भाजपा, लोकसभा चुनाव में गढ़ में सेंंध लगाने की तैयारी में भाजपा

विकास सिंह
मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 (12:49 IST)
लोकसभा चुनाव में मिशन 29 के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पूरी प्रतिष्ठा इस बार छिंदवाड़ा में दांव पर लग गई है। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में मिशन 29 के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में उतरी  भाजपा ने अब अपना पूरा फोकस कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पर कर दिया। भाजपा लगातार कमलनाथ के करीबी और छिंदवाड़ा के बड़े कांग्रेस नेताओं को भाजपा में शामिल कर रही है। वहीं अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अब पूरी चुनावी कमान अब अपने हाथों में संभाल ली है।  

गढ़ को भेदने में जुटे भाजपा दिग्गज-लोकसभा चुनाव कमलनाथ का गढ़ भेदने के लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं ने छिंदवाड़ा में डेरा डाल दिया है। खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा में पूरी चुनावी  कमान अपने हाथों में  संभाल ली है। सोमवार को  मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रोड शो के  जरिए जहां  भाजपा का शक्ति प्रदर्शन किया । वहीं तीन हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं  को भाजपा में  शामिल कराकर तगड़ा झटका दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि  छिंदवाड़ा की जनता इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के काले कारनामों का जवाब देने के लिए तैयार है। भाजपा छिंदवाड़ा सहित प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त करेगी। भाजपा छिंदवाड़ा का अंधेरा हटाएगी और यहां कमल खिलेगा।  वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समाने  तीन हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने  भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इके साथ भाजपा के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल ने छिंदवाड़ा में डेरा डाल दिया है।
 

छिंदवाड़ा में अकेले पड़ रहे कमलनाथ-अपने चुनावी मैंनेजमेंट के लिए पहचाने जाने वाले कमलनाथ अब अपने गढ़ में अकेले पड़ते जा रहे है। कमलनाथ के करीबी सहयोगी एक के बाद एक कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होते जा रहे है। राजनीतिक विश्लेषक इसका कारण खुद कमलनाथ को मानते है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ और नकुलनाथ की जिस तरह से भाजपा में शामिल होने की अटकलें चली उससे कहीं न कहीं कमलनाथ के समर्थकों  का भरोसा उन पर कम हुआ। यहीं कारण है कि अब कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे है।

सोमवार को छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। इछिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्ष  सिद्धांत थनेसर के साथ एनएसयूआई के कई नेता भी भाजपा में शामिल हो गए।

इससे पहले कमलनाथ के बेहद करीबी दीपक सक्सेना के बेटे भी भाजपा में शामिल हो चुके  है। वहीं छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह भी कमलनाथ का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके है। कमलेश शाह के साथ उनकी पत्नी और हरई नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह औऱ जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम भी भाजपा में शामिल हुए थे। कमलेश शाह की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ  के करीबी नेताओं में होती थी और वह 2103 में पहली बार अमरवाड़ा से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 और फिर 2023 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए।

छिंदवाड़ा भाजपा के लिए  क्यों  जरूरी?-2024 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट है। 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी भाजपा कांग्रेस के अभेद दुर्ग कहलाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा छिंदवाड़ा जिले में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। ऐसे में अब भाजपा जो लोकसभा चुनाव में इस बार सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लक्ष्य के साथ उतरी है उसके सामने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भगवा लहराना एक बड़ी चुनौती है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफूड़ा साफ-2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में आने वाली सभी 7 विधानसभा सीट जीतकर अपने इस अभेद दुर्ग पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वर्तमान सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीट की कमान अपने हाथों में रखी थी और उन्होंने सातों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था। कमलनाथ खुद छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीतकर लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।

नकुलनाथ बनाम बंटी साहू का मुकाबला- छिंदवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ का सामना भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू से हो रहा है। विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने ताल ठोकने वाले विवेक कुमार बंटी साहू को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा टिकट देकर नकुलनाथ के सामने मैदान में उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

वहीं पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बंटी साहू कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े थे और उन्हें 34,596 वोट से हार का सामना करना पड़ा था।कमलनाथ को उनके ही गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने बंटी साहू पर इसलिए भी दांव लगाया है क्योंकि बंटी साहू 2018 और 2023 दोनों विधानसभा चुनाव में कमलनाथ को कड़ी टक्कर दे चुके है। 2023 विधानसभा चुनाव की मतगणना में बंटी साहू पहले के दौर में कमलनाथ से आगे भी रहे थे, हालांकि बाद के दौर में वह पिछड़ गए थे ।

 

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