रायपुर लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम

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प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : सुनील सोनी (भाजपा), प्रमोद दुबे (कांग्रेस) 
 
रायपुर लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा ने मौजूदा सांसद रमेश बैस के बजाय सुनील सोनी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने प्रमोद दुबे को मैदान में उतारा है। यह सीट 1996 से भाजपा का गढ़ बना हुआ है। यहां कांग्रेस को जीत का इंतजार है।

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परिचय : धान का कटोरा के नाम से विख्यात छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा शहर है रायपुर। इसकी स्‍थापना राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय ने की थी। यह राज्‍य का एक औद्योगिक नगर होने के साथ ही उसकी राजधानी भी है। यहां की अनूठी नगर घड़ी लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी है।
 
जनसंख्‍या : साल 2011 की जनगणना के अनुसार रायपुर जिले की कुल जनसंख्या 21 लाख 60 हजार 876 है। जिसमें ग्रामीण आबादी 8 लाख 84 हजार 224 और शहरी संख्‍या 12 लाख 76 हजार 652 है।

अर्थव्यवस्था : यह व्यापार और वाणिज्य का मुख्‍य केंद्र है। यहां काफी संख्या में चावल, दलहन और तिलहन की मिलें हैं। इसके अलावा हथकरघे पर सूती वस्त्रों की बुनाई, फर्नीचर निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, एल्यूमीनियम और पीतल व कांसे की वस्तुओं का निर्माण भी किया जाता है। 

भौगोलिक स्थिति : खारुन नदी के तट पर बसा यह शहर छत्तीसगढ़ के मध्य में स्थित है। इस शहर के पूर्व में महानदी नदी और उत्तर-पश्चिम में मैकाल की पहाड़ियां स्थित हैं, जबकि उत्तरी ओर छोटा नागपुर का पठार और दक्षिण में बस्तर का पठार मौजूद है। यह देश के अधिकांश महत्‍वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है।
 
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा के रमेश बैस यहां सांसद हैं। उन्‍होंने लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को पराजित कर यह सीट हासिल की थी। बैस इस संसदीय क्षेत्र से 7 बार सांसद रह चुके हैं।
 
छत्तीसगढ़ के बारे में : छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने राज्य में 10 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा था। इस बार भाजपा और कांग्रेस ने कई नए चेहरों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने वर्तमान सांसद रमेश बैस और अभिषेक सिंह को टिकट नहीं दिया। बसपा ने भी राज्य में पांच उम्मीदवार उतारे हैं। राज्य में इस बार कांग्रेस की सरकार है और मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी।

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