भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों नेताओं की दिल्ली दौरे और सियासी मेल-मुलाकातें बेहद चर्चा के केंद्र में है। इन मुलाकातों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खेमों में हलचलें तेज कर दी है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के दिग्गज नेताओं की लगातार दिल्ली दौड़ पिछले लंबे समय से लगातार जारी है और वह दिनों-दिन तेज होती जा रही है। भाजपा नेताओं की दिल्ली परिक्रमा ने कई तरह की सियासी अटकलों को गर्मा दिया है।
सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ दूसरे अन्य मंत्रियों के लगातार दिल्ली दौरों को सियासत के जानकार बेहद महत्वपूर्ण बता रहे है और इसके प्रदेश की भविष्य का राजनीति से भी जोड़कर देख रहे है। वहीं दूसरी ओर भाजपा में लगातार हाईलेवल बैठकों के दौर ने भी सियासी तापमान को अचानक से बढ़ा दिया है। भाजपा प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव लगातार भोपाल में कैंप किए हुए है और उनकी पार्टी के नेताओं के साथ मैराथन बैठकों का सिलसिला लगाता जारी है। वहीं गुरुवार शाम भाजपा प्रदेश दफ्तर में पार्टी कोर ग्रुप की बैठक भी हुई।
दूसरी ओर केंद्र में मंत्री बनने के बाद पहली ग्वालियर-चंबल के दौरे पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना शक्ति प्रदर्शन कर दिया। सिंधिया के स्वागत कार्यक्रम में जिस तरह से भाजपा संगठन और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सक्रिय दिखाई दिए उसने प्रदेश भाजपा में सियासी अटकलों को और तेज कर दिया। वहीं गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिले।
वहीं गुरुवार ही को पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह के जन्मदिन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय उनको बधाई देने के लिए उनके बंगले पहुंचे। भाजपा नेताओं की बधाई को अजय सिंह ने सिर-माथे लिया और गले भी मिले। दरअसल अपने जन्मदिन के बहाने एक तरह से भोपाल में अजय सिंह ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी कर दिया है।
राजनेता भले ही इन मेल-मुलाकातों को सौजन्य मुलाकतें बता रहे हो लेकिन सियासत के जानकार इन मुलाकातों के मायने अपने-अपने तरह से तलाश रहे है।