स्क्रीन टाइम घटाकर बच्चों को बनाएं हेल्दी और हैप्पी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 1 सितम्बर 2024 (08:03 IST)
Workshop on Children Health: बच्चों में मोबाइल देखने की आदत आज के दौर में आम हो चुकी है। कई बार पैरेंट्‍स भी बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उनके हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। बच्चों की सेहत पर इसका नकारात्मक असर ही होता है। यदि हमें बच्चों को हैप्पी और हेल्दी बनाना है ‍तो उनका स्क्रीन टाइम घटाना होगा और ग्रीन टाइम बढ़ाना होगा। 
 
शेरिंगवुड स्कूल डायस्पार्क परिसर (Sheringwood School Diaspark Campu) और इंदौर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) द्वारा 'संकल्प : संपूर्ण स्वास्थ्‍य' पर आयो‍जित वर्कशॉप में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष (पीडियाट्रिक्स) और आईएपी के प्रदेश संयोजक डॉ. हेमंत जैन ने कहा कि यदि बच्चों का स्क्रीन टाइम ज्यादा है तो उन्हें सिरदर्द, गर्दन और कलाई में दर्द, आंखों की समस्या, इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर, डिप्रेशन, नींद की समस्या, मोटापा, गुस्सा, साइबर बुलिंग जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि पैरेंट्‍स को चाहिए कि वे बच्चों को स्मार्टफोन न दें, वे उन्हें की-पेड फोन दे सकते हैं ताकि उनके संपर्क में रह सकें। यदि बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ता है तो उसका असर उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। सामाजिक रूप से ही वह कट जाते हैं। 
 
कैसा हो बच्चों का हेल्दी फूड : बैलेंस डाइट की बात करते हुए डॉ. जैन ने कहा कि पैरेंट्स को बच्चों की डेली लाइफ में 5 रंग के फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए। पैरेंट्‍स कटलेट्‍स, मूंग दाल चीला, फल, फ्रूट सलाद, डोसा, पराठा, उपमा, चीला आदि चीजें बच्चों के टिफिन में नियमित रूप से रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चा दूध पिए तो ठीक है अन्यथा उन्हें दूध के लिए फोर्स नहीं करना चाहिए। डॉक्टर ने चीनी, नमक, मैदा के अत्यधिक सेवन से बचने की भी सलाह दी। 
जंक फूड को कहें ना : डॉ. हेमंत जैन ने कहा कि बच्चों को जंक फूड से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जंक फूड से बच्चों में मोटापा तो बढ़ता ही है, कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं। रेडीमेड पैक्ड और रेस्टोरेंट का खाना टेस्टी तो होता है, लेकिन यह नुकसानदायक होता है। अत: हमें घर के बने खाने को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। पैक बंद खाद्य सामग्रियों में फैट फ्री, शुगर फ्री, नेचुरल, हेल्दी जैसे झूठे दावे किए जाते हैं। इनसे बचना चाहिए। खाद्य सामग्री खरीदने से पहले उसके लेबल को ध्यान से पढ़ना चाहिए। कभी भी विज्ञापन से प्रभावित होकर खाद्य सामग्री नहीं खरीदनी चाहिए। डॉ. जैन ने कोक को टाइलेट क्लीनर बताते हुए इससे भी बचने की सलाह दी। 
 
कितनी जरूरी है नींद : डॉ. दिलीप कुमार गुप्ता ने बच्चों के लिए 7 घंटे की नींद बहुत जरूरी है, जबकि दिन में 30 से 45 मिनट से ज्यादा समय नहीं सोना चाहिए। 9 बजे से पहले डिनर कर लेना चाहिए। सोने से एक घंटे पहले मोबाइल से दूरी बना लेनी चाहिए। सोते समय मोबाइल 4 फुट दूर रखना चाहिए। मोबाइल देखने के बजाय किताब पढ़ना चाहिए। डॉ. गुप्ता ने कहा कि 30 मिनट से 1 घंटे की फिजिकल एक्सरसाइज नियमित रूप से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 45 मिनट से ज्यादा समय तक लगातार नहीं बैठना चाहिए। इससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 
 
कार्यक्रम के प्रारंभ में विनय छजलानी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस साल हम अलग-अलग सेशन और वर्कशॉप का आयोजन करेंगे, जिससे पैरेंट्‍स और स्टूडेंट्‍स को अलग-अलग जानकारियां दी जा सकें। वर्कशॉप के दौरान इंटरेक्टिव सेशन भी हुआ, जिसमें पैरेंट्‍स और बच्चों ने भागीदारी की। प्रारंभ में डॉ. हेमंत जैन, डॉ. धीरेन्द्र जैन और डॉ. दिलीप कुमार का स्वागत बच्चों ने बुके देकर किया। इस अवसर पर शेरिंगवुड स्कूल की डायरेक्टर श्रीमती सुनीता छजलानी और टीचर्स के अलावा बड़ी संख्या में पैरेंट्‍स और स्टूडेंट्‍स भी मौजूद थे। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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