जब घर में नन्हे बच्चे की किलकारियाँ गूँजती है तब हर माँ-बाप को प्रसन्नता का अनुभव होता है। नन्हा बच्चा जहाँ हँसता-खेलता है, वहीं रोता भी है। अक्सर माँ-बाप को यही शिकायत रहती है कि उनका बच्चा बहुत अधिक रोता हैं।
हर बच्चे की प्रकृति अलग-अलग होती है। कुछ बच्चे अधिक रोते हैं, तो वहीं कुछ बच्चे दिन-भर खेलते रहते हैं। इस प्रकार हर बच्चे की खाने, खेलने व सोने की आदतें आदि भिन्न-भिन्न होती हैं। माँ-बाप को चाहिए कि वे अपने बच्चों की आदतों पर गौर करें व उनकी आदतों को पहचानें। ऐसा करने पर धीरे-धीरे वो जान पाएँगे कि उनका बच्चा बार-बार क्यों रो रहा है।
बच्चों के रोने के कारण :- * बच्चों को शारीरिक तकलीफ होने पर भी वो अक्सर रोते हैं। * नींद पूरी नहीं होने पर भी बच्चा रोता है। * भूख लगने पर भी बच्चा अक्सर रोता है। * हो सकता है उसे किसी कीड़े ने काट लिया हो। * पेट दर्द होने पर भी बच्चा रोता है।
बच्चों के रोने पर करें ये उपाय :- * बच्चा भूखा हो तो उसे दूध पिलाएँ। * उसे नींद आ रही हो तो उसे कंधे पर लेकर घुमाएँ। * बच्चे के शरीर पर गौर से देखें कि कहीं उसे किसी कीड़े ने काटा तो नहीं है। * हो सकता है खेलते-खेलते बच्चे के गले में कुछ अटक गया हो, इस बात की भी जाँच-पड़ताल करें कि बच्चे ने क्या खाया था। * बच्चा यदि लगातार रो रहा हो तो उसे तत्काल चिकित्सक के पास ले जाएँ।