शिशु के लिए करें बचत

NDND
यदि हम अपने रोजमर्रा के फिजूलखर्च को कम कर बचत करना प्रारंभ करें तो शायद महीने के अंत तक हम काफी कुछ रा‍शि बचा सकते हैं। जब परिवार में नन्हे शिशु का आगमन होता है तब आपका खर्च और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि शिशु की नेपी, दवाइयाँ, कपड़े आदि का महीने का खर्च आपके बजट को गड़बड़ा देता है लेकिन यदि आप प्रापर प्लानिंग करके चलें तो आप इस खर्च में से बहुत कुछ राशि बचा सकते हैं।

* नवजात शिशु के लिए नैपी एक आवश्यक वस्त्र होता है। शिशु बार-बार नैपी गीली करते हैं, जिसके कारण नैपी को दिन में कई बार बदलना भी पड़ता है। कुछ पालक शिशु की बार-बार ‍नैपी बदलने के झंझट से बचने के लिए डॉयपर का इस्तेमाल करते हैं। यह यूज एंड थ्रो होता है।

यदि आप बाजार में मिलने वाली नैपी के बजाय घर में बनाई हुई कपड़े की नैपी का प्रयोग करेंगे तो आपका शिशु पर किया जाने वाला महीने का खर्च बहुत कुछ बच जाएगा। इसी के साथ ही डॉयपर से शिशु को होने वाली रेशेस की समस्या का भी निवारण हो जाएगा। आप डॉयपर का उपयोग करें लेकिन तब जब आप शिशु को लेकर कहीं बाहर जा रहे हों।

* शिशु के चार-पाँच जोड़ी कपड़े एक साथ ही न खरीदें क्योंकि नन्हा शिशु बहुत जल्दी वृद्धि करता है इसलिए एक महीने बाद ही शिशु के कपड़े छोटे पड़ने लगते हैं।

* अगर आपका शिशु चार-पाँच माह का है तो उसके लिए महँगे फैशनेबल कपड़ों में फिजूलखर्जी करने के बजाय कॉटन या होजियरी मटेरियल के सॉफ्ट कपड़े खरीदें। ये कपड़े दाम में अपेक्षाकृत सस्ते होने के साथ ही शिशु की त्वचा के लिए भी बेहतर होते हैं।

इन सभी बातों का यह अर्थ नहीं है कि आप शिशु के लिए आवश्यक चीजें ही न खरीदें। आप शिशु के लिए सब कुछ खरीदें पर साथ ही सीखें बचत करना।

* शिशु के लिए ऐसे अनावश्यक खिलौने न खरीदें, जो शिशु के लिए उस वक्त अनुपयोगी हों। यदि आप तीन माह के शिशु को पटरी पर दौड़ने वाली रेलगाड़ी देंगे तो न तो वह शिशु उस वक्त बैठकर उसका लुत्फ उठा पाएगा और न ही उससे खेल पाएगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें