परीक्षा का टेंशन और पापा-मम्मी की मदद

- हेमंत नाथ गोस्वाम
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स्कूली बच्चों के अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षाविदों के बीच आजकल परीक्षाओं से होने वाला तनाव चर्चा का आम विषय बन गया है। परीक्षाओं से होने वाला तनाव बच्चों के प्रदर्शन को कुप्रभावित करता है और इसके कारण अभिभावक चिंतित हैं

परीक्षाओं के वक्त अभिभावकों का रोल सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि एक बच्चे के विकास में सबसे पहला व सबसे बड़ा स्रोत माँ-बाप ही होते हैं। आज का पढ़ा-लिखा, नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय शहरी अपने आपको एक तेजी से परिवर्तित होते और आगे दौड़ते संसार में पाता है। वह अपने बच्चे के लिए सुरक्षित भविष्य की कामना करता है। उसकी अपने बच्चे से उम्मीदें बहुत अधिक हैं और उन सारी उम्मीदों का बोझ उठाता है बच्चे का दिमाग। लोग अपने बच्चों को हरफनमौला बनाना चाहते हैं, लेकिन क्या वह हर क्षेत्र में परफेक्ट बन सकता है?

अपने बच्चे पर अपनी अपेक्षाओं का भार न डालें। विशेषज्ञों के सुझाए निम्नलिखित तरीके आजमाएँ और बच्चे का हौसला बढ़ाएँ

· बच्चे को प्रोत्साहित करें कि वह अपनी फीलिंग्स आपके साथ शेयर करे। एक समस्या पर बातचीत करने का मतलब है उसका आधा हल तो हो गया

· बच्चे को तर्कसंगत तरीके से सोचना सिखाएँ। अभिभावक पहले अपने बच्चे की समस्या का विश्लेषण करें और फिर उसके साथ विचार-विमर्श करें। उनको समझाएँ कि वे परीक्षा की तैयारियों पर ध्यान दें। नतीजे में कितने नंबर मिलेंगे यह सोचकर परेशान न हों

· बच्चों को रिवीजन में मदद करें। पेपर कैसे लिखना है, इसका अभ्यास करवाएँ। एक व्यावहारिक समय सारिणी बनवाएँ जिसमें हर सप्ताह पढ़ने के घंटे तय हों। बच्चा नियमित तौर से अपनी अध्ययन योजना का रिव्यू करे और अपनी प्रगति के हिसाब से उसमें आवश्यक परिवर्तन करता रहे

· बच्चे को बताएँ कि चाहे जितना भी उसने पढ़ा हो उसके भी सभी पॉइंटों पर बार-बार निगाह डालनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि वह कोर्स के मुश्किल हिस्सों को तरजीह दे, न कि आसान पाठों को बार-बार पढ़ता रहे

· बच्चे के लिए पढ़ाई के दौरान आराम लेना जरूरी है, क्योंकि दिमाग थका हो तो याददाश्त पर कुप्रभाव पड़ता है

· स्वस्थ, स्फूर्त रहने के लिए बच्चे को पूरी नींद लेनी चाहिए व स्वास्थ्यकर संतुलित भोजन करना चाहिए। इसका पूरा ध्यान आप रखें

· बच्चे को ताजा फलों का ज्यूस, हरी पत्तेदार सब्जियाँ खिलाएँ। परीक्षाओं की तैयारी में दिमाग खाली हो जाता है। ऐसे में फल व सब्जियों से ऊर्जा मिलती है तो एकाग्रता बढ़ती है

· मोटा अनाज, दालें, फलियाँ, गिरियाँ, लो फैट मिल्क, डेयरी उत्पाद तथा थोड़ी मात्रा में वसा व मीठा भी खाने से परीक्षा के तनाव से लड़ने में मदद मिलती है

· विशेषज्ञ हाई फाइबर डाइट और फोर्टिफाइड बेवरेजेस (हैल्थ ड्रिंक) को बच्चों की खुराक में शामिल करने की सलाह देते हैं। फोर्टिफाइड बेवरेजेस यानी पुष्टिकरों से युक्त पेय में फाइबर, विटामिन, खनिज होते हैं, जो बच्चे को अधिक ऊर्जावान बनाए रखते हैं

· जिस किसी गतिविधि में आपके बच्चे को आनंद आए, उसमें उसका साथ दें जैसे सैर पर जाना, दौड़ना, खेलना-कूदना। गतिविधि ऐसी हो, जिसमें शारीरिक व्यायाम हो जाए

· जीवन के प्रति अपने बच्चे का रवैया सकारात्मक बनाएँ। उसे प्रेरित करें कि वह एक अच्छी जिंदगी के बारे में सोचे, जिससे उसका फेल होने का भय जाता रहे

तो अब चिंता करना छोड़ दीजिए और इन उपायों को लागू करना आरंभ कीजिए। परीक्षाएँ तनावपूर्ण तो होती हैं, लेकिन यह कोई विपत्ति नहीं है। इनका इस्तेमाल कीजिए आगे बढ़ने में। परेशान मत होइए।