बेहद रोमांचक है दार्जीलिंग की यात्रा

दार्जीलिंग में बिताएं मस्तीभरी छुट्टियां... 

- मोहन शर्मा

दार्जीलिंग गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिन‍िस्ट्रेशन क्षेत्र हिम धवल पर्वत शिखर विश्वविख्यात 'कंचनजंघा' एवं घने जंगल, पहाड़ियों, मंदिरों, गुफा व रहस्यमयी झीलों से घिरा पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

 
FILE


विद्यार्थियों के लिए ज्ञान का भंडार है। ब्रिटिश समय से ही सभी की नजरों में रहा दार्जीलिंग।

यह 'दार्जीलिंग चाय' एवं 'गु‍ड़िया रेल' के लिए विशेष स्थान रखता है। दार्जीलिंग नेपाल, ‍तिब्बत, भूटान एवं बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है।

FILE


दार्जीलिंग जिले को दो भागों में विभाजित किया गया है- पहाड़ी एवं तराई- डुवर्स (समतल) क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या 18,42,034 (वर्ष 2011) एवं साक्षरता 79.92 प्रतिशत है। प्रमुख शहर हैं- मिरिक, दार्जीलिंग, खरसांड एवं कालिम्पोड। सिक्किम राज्य एवं प. बंगाल का जलपाईगुड़ी जिला पड़ोसी है। समुद्र तल से 6,710 मीटर की ऊंचाई पर बसा है दार्जीलिंग शहर।

गर्मी के समय में खासतौर पर बच्चों को लेकर आनंद मनाने के लिए भी मजेदार जगह है। दार्जीलिंग ‍रेलवे विश्व धरोहर है। देश-विदेश से हजारों पर्यटक दार्जीलिंग आते हैं। यहां का वातावरण शांत है और लोग सरल, सहज और सेवाभावी हैं।

FILE


दार्जीलिंग जाने के लिए बड़ी लाइन का रेलवे स्टेशन दिल्ली-गुवाहाटी एवं हावड़ा-गुवाहाटी रेलमार्ग पर न्यू जलपाईगुड़ी हैं। रेलवे स्टेशन से महज सिलीगुड़ी से ही दार्जीलिंग के लिए छोटी लाइन की ट्रेन या टैक्सी मिलेगी। सबसे निकट का हवाई अड्डा बागडोरा है। वहां सड़क मार्ग से दार्जीलिंग पहुंचा जा सकता है।

दार्जीलिंग में थोड़ी मस्ती भी हो जाएगी, थोड़ा घूमना भी, थोड़ा सीखना भी। दार्जीलिंग देश की उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है, जहां आज भी छोटी लाइन की रेलगाड़ी चलती है।

फिल्मों में रंग जमा चुकी है 'आराधना' से लेकर 'बर्फी' तक। दार्जीलिंग के मनोरम पहाड़ी पर्वतों और चाय बागानों के बीच यात्रा करना अपने आप में बेहद रोमांचक है

वेबदुनिया पर पढ़ें