सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हिन्दू धर्म में नागपंचमी पर्व के रूप मान्यता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जिन जातकों की जन्म कुंडली में कालसर्प योग, पितृ दोष होता है, उसका जीवन अत्यंत कष्टदायी होता है। उसका जीवन पीड़ा से भर जाता है। उसे जीवन अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। इस योग से जातक मन ही मन घुटता रहता है। ऐसे जातक को श्री सर्प सूक्त का पाठ राहत देता है। यहां पढ़ें नाग देवता को प्रसन्न करने वाला श्री सर्प सूक्त का पाठ -