कांग्रेस ने अयोध्या विवाद पर उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सभी को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए और इसे किसी की हार या किसी की जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि अदालत के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए और न्यायपालिका पर आस्था रखते हुए निर्णय को स्वीकार करना चाहिए। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो उच्चतम न्यायालय का रास्ता खुला है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद पर फैसला सुनाए जाने के तत्काल बाद द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने आरंभ से ही यह बात कही थी कि या तो यह मामला आपसी समझ से सुलझ जाए वरना अदालत का फैसला सभी को स्वीकार होना चाहिए, क्योंकि न्यायालय लोकतंत्र की सबसे निष्पक्ष संस्था है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अदालत से एक निर्णय आया है। इस निर्णय की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। एक संवेदनशील मुद्दे पर यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है। न्यायपालिका पर आस्था रखते हुए निर्णय को स्वीकार करना चाहिए। किसी को कोई आपत्ति है तो उच्च अदालत का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और सबके जीवन में ऐसा क्षण आता है, जब धैर्य, विवेक की परीक्षा होती है और किसी न किसी पर विश्वास करना होता है।
विश्व हिंदु परिषद कार्यालय में पटाखे छोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रसन्नता व्यक्त करने के सभ्य तरीके होते हैं। अतिशय प्रसन्नता या अतिशय दुख दिखाने की बजाय धैर्य और संयम दिखाना चाहिए। समाज में भेदभाव पैदा करना या किसी की भावना को आहत करना उचित नहीं होगा। (भाषा)