दिल्ली गैंगरैप : क्या है जुवेनाइल बोर्ड और एक्ट?

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013 (19:01 IST)
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दिल्ली गैंगरेप में छठे आरोपी को जुवेनाइल बोर्ड ने किशोर बताया है। जुवेनाइल बोर्ड ने छठे आरोपी को स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर नाबालिग करार दिया है।

अपराध की जघन्यता देखते हुए हालांकि दिल्ली पुलिस ने स्कूल सर्टिफिकेट के खिलाफ बोर्ड से 'बोन टेस्ट' कर सही उम्र पता लगाने की अपील की थी, लेकिन जुवेनाइल बोर्ड ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर ही नाबालिग करार दिया। इसके बाद किशोर की परिभाषा पर एक नई बहस शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट भी किशोर की परिभाषा पर विचार करेगा।

क्या है जुवेनाइल बोर्ड : अठारह साल से कम उम्र होने पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड किशोर पर मुकदमा चलाता है और दोषी पाए जाने पर उसे सुधार गृह भेजा जाता है। सुधार गृह में 18 साल से अधिक उम्र के अपराधियों को नहीं रखा जाता।

अपराध की तारीख पर किशोर की उम्र 18 साल से कम पाए जाने पाने पर ही उसे बोर्ड के समक्ष भेजा जाता है। किसी भी अपराधी की उम्र अगर 16 से 18 के बीच है और वह किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे अधिकतम तीन वर्ष तक सुधार गृह में रखा जाता है।

उम्र की जांच : आरोप पत्र दायर होने से पहले ही अपराध में शामिल आरोपी अपने आप को 18 साल से कम होने का दावा करता है, तो उसका मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को भेज दिया जाता है। अपराधी अगर अपनी उम्र संबंधी कोई अपील करता है तो उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। (वेबदुनिया न्यूज)

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