हाईकोर्ट का फैसला : किसने क्या कहा?

गुरुवार, 30 सितम्बर 2010 (23:36 IST)
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अयोध्या विवाद पर आए बहुप्रतीक्षित फैसले पर संबंधित पक्षों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएँ जाहिर की हैं। हालाँकि सभी ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने इलाहाबाद में कहा कि फैसला पूरे हिंदू समुदाय के लिए हर्षोल्लास का है। यह हिंदुओं तथा मुस्लिमों को एक साथ आने और एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए हाथ मिलाने का ऐतिहासिक अवसर है।

शिवसेना अध्यक्ष बाल ठाकरे ने कहा कि दशकों पुराने इस विवाद का पटाक्षेप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या मुद्दा दशकों से लंबित था। अब उम्मीद कर सकते हैं कि आज का फैसला इस विवाद को समाप्त करेगा।

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी परंपराओं के अनुरुप इस फैसले को विनम्रता से स्वीकार करती है। पचौरी ने प्रदेश की जनता के नाम जारी अपनी अपील में भी कहा कि वे धैर्य और संयम बरतते हुए शांति कायम रखने में सहयोग करें।

विहिप के प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया है कि विवादित स्थल को मस्जिद घोषित किया जाए। मुझे नहीं लगता कि इस पर कुछ और कहने की जरूरत है।

जमात-ए-इस्लामी के सचिव एम. फारूख ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन उच्च न्यायालय का यह फैसला अंतिम नहीं है।

अदालत के फैसले के बाद माकपा ने कहा कि अयोध्या मालिकाना हक मुकदमे में फैसले को पूरी तरह पढ़े जाने की आवश्यकता है और फैसले की प्रकृति को लेकर सवाल हो सकते हैं। पार्टी ने कहा कि हमारी संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में उच्चतम न्यायालय में जाने समेत न्यायिक प्रक्रिया मुद्दों के समाधान का एकमात्र तरीका होना चाहिए।

भाजपा मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक घटना करार दिया। हिन्दुत्व के कट्टर पैरोकार के रूप में जाने जाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस निर्णय से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है, लेकिन इसी के साथ मोदी ने कहा कि इस मामले में अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है।

देश के उद्योग जगत ने अयोध्या फैसले के मद्देनजर समाज के हर वर्ग से अमन और शांति बनाए रखने की अपील की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने समाज के सभी वर्गों और सभी धर्मों के अनुयायियों से अपील की है कि अयोध्या पर न्यायालय के निर्णय को देखते हुए वे शांति बनाए रखें।

एक अन्य उद्योग मंडल एसोचैम ने अयोध्या पर न्यायालय के निर्णय को सभी की जीत बताया और उम्मीद जताई है कि कोई भी शांति व्यवस्था भंग करने का काम नहीं करेगा। फिक्की अध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा कि देश में शांति व्यवस्था भंग होने से आर्थिक वृद्धि, गरीबी उन्मूलन, समाज के हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ने तथा वैश्वीकरण की प्रकिया सभी प्रयासों को गहरा धक्का पहुँचेगा।

दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल का मानना है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अंतिम फैसले की प्रतीक्षा की जानी चाहिए और सभी दलों को उसका पालन करना चाहिए।

अयोध्या में विवादित स्थल के स्वामित्व मुकदमे के एक पक्षकार अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कहा है कि वह राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बाँटने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने कहा कि हमने राम जन्मभूमि स्थल को तीन हिस्सों में बाँटने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है।

अहमदिया मुस्लिम समुदाय ने अयोध्या मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए सभी धर्मों के लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। समुदाय के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मोहम्मद असीम खान ने कहा कि अगर मुस्लिमों को कोई आपत्ति है तो वे उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

फैसले के बारे में साहित्यकारों ने कहा कि यह बेहद संतुलित और न्यायसंगत रहा। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष एसएस नूर ने कहा कि मेरा ख्याल है कि अदालत का फैसला बेहद संतुलित रहा और यह किसी के खिलाफ नहीं रहा है

ललित कला अकादमी के अध्यक्ष और वरिष्ठ कवि अशोक बाजपेयी ने कहा कि यह सम्यक दृष्टि से लिया गया फैसला है। मगर यह विचित्र है कि राम जन्मभूमि जैसे मिथक के बारे में अदालत फैसला कैसे कर सकती है।

‘हंस’ के संपादक और वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र यादव ने कहा कि अयोध्या का फैसला सुनने में अच्छा लग रहा है। मगर थोड़ा दिग्भ्रम की स्थिति की बनी हुई है और बिना पूरा फैसला जाने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना सही नहीं है। हालाँकि उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को सुन्नी वक्फ बोर्ड की शिकायत को जरूर सुनना चाहिए कि आखिर वे हिन्दुओं से क्या चाहते हैं।

असगर वजाहत ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस फैसले से संतुष्ट हूं। मेरा मानना है कि यह बेहद संतुलित, तर्कसंगत और न्यायसंगत है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ।

साहित्यकार नरेंद्र सहगल ने फैसले को उचित बताते हुए कहा कि सभी वर्गों को इसे स्वीकार करना चाहिए। अदालत ने भी आज राम जन्मभूमि को मान्यता देकर हिन्दूओं की सदियों पुरानी आस्था पर मोहर लगा दी है।

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याणसिंह ने भी विवादित स्थल के मुकदमे में उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह करोड़ों हिन्दुओं की आस्था और विश्वास की जीत है। मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूँ।

मिल्ली काउंसिल के सचिव मंजूर आलम ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद कमेटी अदालत के फैसले का विश्लेषण करके आगे की रणनीति तय करेगी। उन्होंने कहा कि यह न तो खुशी का मौका है और न ही मातम का।

बजरंग दल के नेता और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत ने हमारे इस दावे पर मुहर लगा दी है कि विवादित स्थल राम जन्मभूमि है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में स्वामित्व विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय दोनों पक्षों को संतुष्ट करने वाला है और यह शांति के हित में है।

इस मुकदमे के एक पक्षकार हाशिम अंसारी ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि विवादित स्थल पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद का निर्माण कराया जाएगा।

रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दास ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है मगर यह भी कहा है कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी विवादित स्थल में हिस्सेदार क्यों माना गया है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि फैसले का सकारात्मक पक्ष यह है कि विवादित जमीन का एक हिस्सा मुसलमानों को भी देने की बात कही गई है। (वेबदुनिया/एजेंसियाँ)

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