नई दिल्ली। आयकर विभाग ने दिल्ली के सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी को 30.67 करोड़ रुपए का नोटिस थमा दिया है। पार्टी पर आरोप है कि उसने 2014 में अपने चंदे को लेकर जो सूचनाएं विभाग को दीं, वे सही नहीं थीं। इसके साथ ही आयकर विभाग ने आप से पूछा है कि 13 करोड़ की अघोषित संपत्ति के बारे में विभाग को सूचना क्यों नहीं दी?
खबरों के मुताबिक आयकर विभाग ने पार्टी के चंदे में अनियमितता पाई है। आयकर विभाग ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी से पूछा है कि क्यों न उससे ये रकम वसूली जाए। विभाग ने आप को जवाब देने के लिए 7 दिसंबर तक का वक्त दिया है। आयकर विभाग ने पार्टी को उन दानदाताओं की लिस्ट थमाई है जिन्होंने 20,000 रुपए से ज्यादा का चंदा दिया है। यह नोटिस वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए जारी किया है।
वहीं इस नोटिस पर आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनका चंदा पवित्र है और ये शत्रुतापूर्ण कार्रवाई है। आप नेताओं के मुताबिक आयकर का ये नोटिस आधारहीन है। पार्टी ने कहा है कि उन्हें मिला हुआ चंदा पूरी तरह पारदर्शी है।
आप के कोषाध्यक्ष दीपक वाजपेयी ने इसे अभूतपूर्व घटना बताते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में शायद यह पहली बार हुआ होगा, जब किसी किसी राजनीतिक दल के चंदे को गैरकानूनी बताते हुए करयोग्य आय बताया गया है। इसमें आप को 10 रुपए से अधिक राशि के समूचे चंदे को कर के दायरे में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि आप ने राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने की पहल को आगे बढ़ाते हुए अपने 1-1 पैसे के चंदे को पहले ही सार्वजनिक किया है। उन्होंने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा विरोध की प्रत्येक आवाज को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक सहित देश के किसी भी हिस्से से किसी भी माध्यम से मिले 10 रुपए तक के चंदे को नोटिस में करयोग्य राशि करार दिया है। यह अपने आप में अप्रत्याशित है और इससे स्पष्ट है कि यह बदले की भावना से की गई दमनकारी कार्रवाई है। बहरहाल, आयकर विभाग का नोटिस आप के 5 साल पूरे होने के ठीक 1 दिन बाद आया है। पार्टी ने 26 नवंबर को ही अपनी स्थापना के 5 साल पूरे किए हैं।