बैंक अकाउंट में पोर्टेबिलिटी की सुविधा, ये मिलेंगे फायदे

Webdunia
बुधवार, 31 मई 2017 (14:55 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक अब जल्द ही बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू करने की ओर कदम बड़ा रहा है। इससे उन ग्राहकों को लाभ मिलेगा जो अपने बैंक की सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं। इसमें ग्राहक बिना अकाउंट नंबर बदले दूसरे बैंक में खाता खोल सकेगा।

एक नजर प्रमुख बिंदुओं पर- 


रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा के मुताबिक खातों को आधार से जोड़ने और आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाने के लिए बैंकों को इस दिशा में (बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी) सोचना शुरू कर देना चाहिए। बैंकिंग का तरीका पिछले कुछ समय से पूरी तरह बदल गया है। समय आ गया है कि कि इंडियन बैंक एसोसिएशन इस दिशा में का शुरू कर दे। 
 
जानकारों के अनुसार यदि प्रस्ताव पर अमल हुआ तो भारत बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी लागू करने वाला दुनिया का पहला देश होगा। यह सुविधा लागू होती है तो मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह बैंक बदलेगा, लेकिन खाता नंबर वहीं रहेगा। पहले के लेन-देन (क्रेडिट-डेबिट हिस्ट्री) की जानकारी पहले की तरह रहेगी। यह सुविधा लागू होने से बैंक अपनी सर्विस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देंगे। 
 
यदि वे ऐसा नहीं करेंगे कि खाताधारक बिना किसी से बात करे दूसरे बैंक में चला जाएगा। आरबीआई के मुताबिक बैंक ग्राहक जितने बढ़ रहे हैं, शिकायतें भी उतनी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में बैंक यदि बेहतर सेवाएं नहीं देंगे तो पोर्टेबिलिटी लागू की जा सकती है। वर्तमान में इंट्रा बैंक ट्रांसफर की सुविधा है। इसमें ग्राहक अपने बैंक की किसी दूसरी शाखा में खाता ट्रांसफर करवा सकता है। इसके लिए नए सिरे से केवायसी की जरूरत नहीं पड़ती है।  जनरल इंश्योरेंस और मोबाइल नंबर में यह सुविधा है। इससे इनकी सेवाओं में सुधार हुआ है। 
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