एन चंद्रशेखरन टाटा संस के नए चेयरमैन, मिस्त्री की जगह लेंगे...

Webdunia
गुरुवार, 12 जनवरी 2017 (19:06 IST)
नई दिल्ली। देश के अग्रणी औद्योगिक समूह टाटा संस के निदेशक मंडल ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को गुरुवार को नया चेयरमैन नियुक्त किया। टाटा संस के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई गैर पारसी समूह का मुखिया बनेगा। 


 
उल्लेखनीय है कि एक बड़े घटनाक्रम के तहत 24 अक्टूबर को टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था और उनकी जगह रतन टाटा को चार महीने के लिए अंतरिम चेयरमैन नामित किया गया था। उसी समय टाटा संस ने नए चेयरमैन की खोज के लिए पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया था।   

चंद्रशेखरन की नियुक्ति आगामी 21 फरवरी से प्रभावी होगी। टाटा संस के निदेशक मंडल ने कहा कि चंद्रशेखरन ने टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के रुप में अपनी उत्कृष्ट सेवा देकर नेतृत्व क्षमता का सफल प्रदर्शन किया है।
 
कौन हैं चंद्रशेखरन :  जून 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर में जन्मे नटराजन चंद्रशेखरन ने रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिची (तमिलनाडु) से कंप्यूटर एप्लीकेशंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की। वे 1987 में टीसीएस में शामिल हुए। वे टाटा संस बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक भी हैं। वे 2009 से टाटा संस के चेयरमैन बनने तक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक भी थे। उनके नेतृत्व में टीसीएस भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी नियोक्ता बनी और उसे आईटी सेवाओं में 2015 में विश्व का सबसे शक्तिशाली ब्रांड के रूप में रेटिंग हासिल हुई और उसे टॉप इम्प्लॉयर इंस्टीट्यूट द्वारा ग्लोबल टॉप इम्प्लॉयर के रूप में सम्मानित किया गया।
 
चंद्रशेखरन, भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशक मंडल में शामिल हैं और अनेक देशों में व्यापार के विस्तार व व्यापारिक संबंधों में सुधार के लिए भारत सरकार की सहायता करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इंडो-यूएस सीईओ फोरम के सदस्य होने के अलावा, वे ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जापान तथा मलेशिया के लिए भारत की व्यावसायिक टास्कफोर्स का भी हिस्सा हैं।
 
उन्होने 2012-13 में भारत में आईटी सेवा फर्मों के लिए एपेक्स ट्रेड बॉडी नैस्कॉम के चेयरमैन के रूप में भी सेवाएं दी हैं और अभी भी इसकी गवर्निंग एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य भी हैं।
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