लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कल्याण सिंह का शनिवार रात करीब सवा नौ बजे लखनऊ में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को नरौरा में गंगा तट पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उन्होंने प्रदेश में 23 अगस्त को एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के बाहर पत्रकारों से कहा, 'हम सबके लिए दुखद समाचार है, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह जी हमारे बीच नहीं रहें। विगत दो माह से कल्याण सिंह अस्वस्थ थे।'
उन्होंने कहा कि हम सब दुखी हैं, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और एक जननेता के रूप में कल्याण सिंह ने शासन में शुचिता, दृढ़ता एवं मूल्यों के प्रति अपने कार्यकाल के दौरान जो आदर्श प्रस्तुत किये, वे आज भी मानक बने हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री रामजन्मभूमि मंदिर आंदोलन के वह अग्रणी नेता थे। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के पावन स्थल पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य आगे बढ़े, इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो सत्ता छोड़ने में भी उन्हें कोई संकोच नहीं था।
6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिरने के बाद इस बात की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने तत्काल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। कल्याण सिंह जी का जाना न केवल समाज का और भारतीय राजनीति का अपितु भारतीय जनता पार्टी की भी अपूरणीय क्षति है। मैं दिवगंत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं।'
अलीगढ़ जिले के मढ़ौली ग्राम में तेजपाल सिंह लोधी और सीता देवी के घर पांच जनवरी 1932 को जन्मे कल्याण सिंह पहली बार 1967 में जनसंघ के टिकट पर अलीगढ़ जिले की अतरौली सीट से विधानसभा सदस्य चुने गए और इसके बाद 2002 तक दस बार विधायक बने।