नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी अधिनियम) में संशोधन के खिलाफ 'भारत बंद' को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का षड्यंत्र करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह गलत आर्थिक नीतियों से आम जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है।
सुश्री मायावती ने यहां कहा कि भाजपा शासित कुछ राज्यों में भारत बंद का आयोजन वास्तव में भाजपा और आरएसएस का जातिवादी एवं चुनावी षड्यंत्र है। भाजपा की सरकारें आम जनता का ध्यान गलत आर्थिक नीतियों से भटकाना चाहते हैं इसलिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। नोटबंदी और गलत तरीके से वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली लागू करने से कारोबार को जबरदस्त झटका लगा है। इसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है और लोगों का पलायन बढ़ा है।
पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी अधिनियम आदिवासी समाज तथा दलित समाज के सम्मान से जुड़ा है। लेकिन वास्तव में कुछ लोगों में इस कानून का दुरुपयोग करने के बारे में गलत धारणा बन गई है।
उन्होंने कहा कि कानून का इस्तेमाल राज्य सरकारों की सोच पर निर्भर करता है। बसपा प्रमुख ने कहा कि एससी-एसटी कानून की आड़ में भाजपा और आरएसएस घिनौनी राजनीति कर रहे हैं। भारत बंद के पीछे 'कोरी राजनीति, स्वार्थ और चुनावी षड्यंत्र' है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जातिवादी उन्माद एवं हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है। (वार्ता)