अहमदाबाद निवासी विजय गोस्वामी और उनका परिवार मोरबी पुल दुर्घटना में बाल-बाल बच गया। रविवार को हुए भीषण हादसे से चंद घंटे पहले गोस्वामी अपने पूरे परिवार के साथ पुल पर गए थे, लेकिन युवकों द्वारा केबल पुल हिलाए जाने के कारण वह नीचे उतर आए। हालांकि कुछ घंटे बाद उनकी आशंका सच साबित हुई और पर्यटकों का आकर्षण मच्छू नदी पर बना केबल ब्रिज शाम करीब साढ़े 6 बजे ढह गया। इस हादसे में कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई है।
विजय गोस्वामी ने कहा कि जब वह और उनका परिवार पुल पर थे तो कुछ युवक जानबूझकर पुल को हिला रहे थे, जिससे लोगों का पुल पर चलना मुश्किल हो गया था। गोस्वामी को लगा कि खतरा हो सकता है, इसलिए वह और उनका परिवार पुल से नीचे उतर गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में पुल कर्मचारियों को भी सूचित किया, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया।
गोस्वामी ने कहा कि दिवाली की छुट्टियों में परिवार के साथ मोरबी आया था। अंग्रेजों के जमाने में बने इस पुल को मरम्मत से चार दिन पहले जनता के लिए खोल दिया गया था। अहमदाबाद पहुंचने के बाद गोस्वामी ने कहा कि पुल पर भारी भीड़ थी। मैं और मैं और मेरा परिवार जब वहां पहुंचे तो कुछ युवक जानबूझकर पुल को हिला रहे थे। बिना सहारे के लोगों के लिए इस पर खड़ा होना मुश्किल था। मुझे लगा कि यह खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए मैं पुल पर थोड़ी दूरी पर चढ़कर परिवार के साथ उतर गया।
उन्होंने कहा, जाने से पहले मैंने ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से लोगों को पुल पर जाने से रोकने के लिए भी कहा था। लेकिन उन्हें केवल टिकट बेचने में दिलचस्पी थी और कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने का कोई तरीका नहीं है। हमारे जाने के कुछ घंटे बाद हमारा डर सच हो गया और पुल गिर गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ युवकों को पुल के तारों को लात मारते और दूसरों को डराने के लिए पुल को हिलाते हुए देखा जा सकता है।
बहुत भीड़ थी, तभी अचानक पुल गिर गया। घटनास्थल पर मौजूद कुछ बच्चों ने बताया कि पुल गिरने के बाद उनके परिवार के सदस्य या माता-पिता अभी भी लापता हैं। एक 10 साल के लड़के ने कहा, जब पुल अचानक गिर गया तब भारी भीड़ थी। मैं बच गया क्योंकि मैंने रस्सी पकड़ ली और फिर धीरे-धीरे उससे ऊपर चढ़ गया, लेकिन मेरे माता-पिता अभी भी गायब हैं।
हादसे में बाल-बाल बचे मेहुल रावल ने बताया कि पुल जब टूटा उस वक्त उस पर करीब 300 लोग होंगे। मोरबी अस्पताल में भर्ती मेहुल रावल ने बताया, जब हम पुल पर थे तो वह अचानक बीच से दबने लगा। सब गिर पड़े। कई लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। पुल पर बहुत अधिक लोग थे इसलिए यह गिर गया।
वहीं एक स्थानीय निवासी ने कहा, कुछ दिनों पहले जनता के लिए फिर से खोले गए पुल पर लगभग 300 लोग होंगे। हताहत होने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं, क्योंकि वे सभी दिवाली की छुट्टियों के दौरान आए थे। स्थानीय लोग मौके पर तुरंत दौड़ पड़े और अधिक से अधिक लोगों को बचाया। हादसे के बाद मोरबी के सभी इलाकों से बड़ी संख्या में लोग राहत और बचाव के लिए मौके पर पहुंचे।
फोटो सौजन्य : यूएनआई