नई दिल्ली। एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े कुछ अंशों को बिना कोई अधिसूचना जारी किए हटाने पर उठे विवाद के बीच परिषद के प्रमुख दिनेश सकलानी ने बुधवार को कहा कि यह अनजाने में चूक हो सकती है कि पिछले वर्ष पाठ्यपुस्तकों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद में कुछ अंशों को हटाने की घोषणा नहीं की गई।
सकलानी ने कहा कि युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया में सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया, जिसमें कई पाठों में से कई अंशों को कम किया गया। एनसीईआरटी के प्रमुख ने कहा कि इसे विषयांतर करके नहीं देखा जाना चाहिए और पाठ्यपुस्तक में किए गए बदलावों के बारे में एक-दो दिनों में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब एनसीईआरटी की नई पुस्तक बाजार में आने पर यह पाया गया कि पिछले वर्ष पाठ्यपुस्तक को युक्तिसंगत बनाने के बाद जारी अधिसूचना की तुलना में कुछ और सामग्रियां उसमें मौजूद नहीं थीं।
एनसीईआरटी की नए शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महात्मा गांधी की मौत का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू-मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं।
सकलानी ने कहा, विषय विशेषज्ञ पैनल ने गांधी पर कुछ अंशों को हटाने की सिफारिश की थी। इसे पिछले वर्ष स्वीकार कर लिया गया था। इसका उल्लेख पाठ्यपुस्तक को युक्तिसंगत बनाने की सूची में संभवत: अनजाने में चूक की वजह से नहीं किया गया। इसे विषयांतर करके नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोई भी चीज रातोंरात नहीं हटाई जा सकती है, एक उपयुक्त प्रक्रिया और पेशेवर आचार का पालन करना होता है और इसके पीछे कोई खास मकसद नहीं है। सकलानी ने कहा, पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने की कवायद पिछले वर्ष की गई और इसे पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया।
एनसीईआरटी की वेबसाइट पर एक नोट में कहा गया है, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह महसूस किया गया कि छात्रों पर पाठ्यसामग्री के बोझ को कम किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पाठ्य सामग्री के बोझ को कम करने और रचनात्मक सोच का उपयोग करके अनुभव के आधार पर सीखने पर जोर दिया गया है।
इस परिप्रेक्ष्य में सभी कक्षाओं में और सभी विषयों में पाठ्यपुस्तकों को युक्तिसंगत बनाने का कार्य शुरू किया गया है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान संस्करण बदलाव के बाद नए रूप में तैयार संस्करण है और वर्तमान पाठ्यपुस्तक युक्तिसंगत पुस्तक है। इन्हें वर्ष 2022-23 में युक्ति संगत बनाया गया था और यह 2023-24 में भी जारी रहेगा। फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
Edited By : Chetan Gour (भाषा)