Rahul Gandhi salary and other facilities: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब महज लोकसभा के सांसद ही नहीं है बल्कि नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) भी हैं। उन्हें 26 जून को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना गया है। लोकसभा को 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष मिला है। क्योंकि 2014 और 2019 में किसी भी दल को इतनी सीटें नहीं मिली थीं कि लोकसभा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिल जाए।
निश्चित तौर पर अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल को क्या अलग से सुविधाएं मिलेंगी या फिर उनकी सैलरी क्या अन्य सांसदों से भिन्न होगी। उनके अधिकार क्या होंगे? उनकी विभिन्न समितियों में क्या भूमिका होगी? उन्हें बंगला मिलेगा या फ्लैट? ऐसे ही कई और भी सवाल हैं। नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की 5 साल तक क्या स्थिति रहने वाली है, आइए जानते हैं.... ALSO READ: संसद में शपथ लेने के दौरान ऐसा क्या हुआ कि राहुल गांधी की हो रही है तारीफ
वेतन-भत्ते : नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। नेता प्रतिपक्ष को प्रतिमाह 3 लाख 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है। 14 लोगों का लोगों का स्टाफ मिलता है। नेता प्रतिपक्ष को हर माह 2000 रुपए का सत्कार भत्ता दिया जाता है। विपक्ष का नेता निर्वाचन क्षेत्र भत्ता प्राप्त करने का भी हकदार होता है जैसा कि संसद सदस्यों के संबंध में उक्त अधिनियम की धारा 8 के तहत फिलहाल तय है। ALSO READ: विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज, राहुल ने इस तरह दी स्पीकर बिरला को बधाई
आवास और अन्य सुविधाएं : केंद्र में कैबिनेट मंत्रियों को टाइप 8 का बंगला अलाट होता है, जो 8 हजार 250 स्क्वेयर फुट क्षेत्रफल का होता है। उसे एक सरकारी गाड़ी और एक ड्राइवर भी मिलता है। चूंकि नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री जैसा दर्जा प्राप्त होता है, अत: उसे भी इसी तरह की सुविधाएं मिलती हैं। सर्वसुविधा युक्त इस आवास में आधा दर्जन से ज्यादा कमरे होते हैं। इस आवास में हरा-भरा लॉन और सर्वेंट क्वार्टर भी होता है। नियमानुसार नेता प्रतिपक्ष पद से हटने के बाद भी वह एक माह तक सरकारी आवास में रह सकता है। उसे इस दौरान कोई किराया नहीं देना होगा। उसकी मृत्यु होने की स्थिति में उसका परिवार भी एक महीने तक आवास में बिना किराया दिए रह सकता है। ALSO READ: राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ अपनी सरकार बचाने में व्यस्त
कितनी होगी नेता प्रतिपक्ष की ताकत : नेता प्रतिपक्ष की कई समितियों और आयोगों के गठन में अहम भूमिका होती है। वह कई महत्वपूर्ण कमेटियों का सदस्य भी होता है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की नियुक्ति में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी अहम होती है। केन्द्रीय सूचना आयोग की नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और एक केन्द्रीय मंत्री की सहमति से होती है। ALSO READ: यूपी के 2 लड़के राजनीति को मोहब्बत की दुकान बनाएंगे : राहुल गांधी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति के लिए जो समिति होती है, उसमें भी नेता प्रतिपक्ष होता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, उपसभापति राज्यसभा और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी इस समिति में होते हैं। लोकपाल और नेशनल जूडिशियल अपॉइंट्समैंट कमीशन की नियुक्ति में भी नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala